ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
कासगंज में महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की हत्या के मामले में उनके पति बृजतेंद्र तोमर ने तहरीर दी है, जिसके आधार पर पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से पांच आरोपी अधिवक्ता हैं और एक आरोपी 2018 में कासगंज दंगे में भी शामिल था।
मोहिनी तोमर 3 सितंबर को दोपहर के समय जिला न्यायालय के गेट से लापता हो गई थीं। अगले दिन, यानी 4 सितंबर की शाम को, उनका शव रेखपुर माइनर के पास गांव रजपुरा में अर्द्धनग्न अवस्था में मिला। शव की शिनाख्त उनके पति बृजतेंद्र तोमर और बहन रजनी ने की। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कछला घाट पर किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मथुरा-बरेली मार्ग को दो घंटे तक जाम कर दिया। पुलिस देर शाम तक बृजतेंद्र तोमर की तहरीर का इंतजार करती रही। अंततः देर रात बृजतेंद्र ने कोतवाली पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
मुकदमे में नामजद आरोपियों में से पांच अधिवक्ता हैं, जिनमें मुस्तफा कामिल, उनके दो पुत्र असद मुस्तफा और हैदर मुस्तफा, केशव मिश्रा, और मुनाजिर रफी शामिल हैं। इन आरोपियों में मुनाजिर रफी 2018 में कासगंज में चंदन गुप्ता की हत्या के बाद हुए दंगे में भी आरोपी रहा था।
पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए आठ टीमें गठित की हैं और मामले की छानबीन जारी है।
Author: samachar
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