इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। जिलाधिकारी (डीएम) दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जनपद में गोवंश संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने चयनित चारागाह की भूमि पर नेपियर घास/हरा चारा रोपण और संरक्षण के साथ-साथ एसएफसी पूलिंग के माध्यम से संचित धनराशि और उसके व्यय, गो आश्रय स्थलों की आवश्यकताओं, नवीन वृहद गो संरक्षण हेतु भूमि के प्रस्ताव, सान्द्र आहार/साइलेज, हरा चारा नेपियर के उत्पादन के लिए टैग की गई चारागाह, शेड की स्थिति/अतिरिक्त शेड की आवश्यकता, वर्षा ऋतु से गोवंश को बचाने के उपाय, गो आश्रय स्थलों में जल जमाव और खडंजा, गो आश्रय स्थलों पर अभिलेखों की उपलब्धता और रख-रखाव की स्थिति पर चर्चा की। इसके अलावा, गो आश्रय स्थलों में सिक रूम निर्माण, अतिरिक्त भूसा/साइलेज भण्डार की स्थिति, छोटे और बड़े पशुओं को पृथक-पृथक रखने की व्यवस्था, गोबर का निस्तारण और बिक्री की स्थिति तथा शव निस्तारण के लिए प्रबंधन और भूमि की उपलब्धता, और सीसीटीवी कैमरा लगवाने की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने एसएफसी पुलिंग द्वारा गो आश्रय स्थलों के संचालन पर भी चर्चा की और इस पूलिंग के पैसे से सभी गो आश्रय स्थलों में सिक रूम की स्थापना करने का निर्देश दिया। साथ ही, अस्थायी गो आश्रय स्थल भैंसाडाबर और घांटी-भटनी में विद्युत कनेक्शन के लिए संबंधित खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया। इसके अलावा, गो आश्रय स्थल घाटी में रात के निवास के लिए एक केयर टेकर नियुक्त करने का निर्देश भी दिया गया।
जनपद में निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया, जिसमें सड़कों और खेतों में घूम रहे निराश्रित गोवंश को पकड़कर निकटतम गो आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाएगा। चारागाह की जमीन को गो आश्रय पोर्टल पर अंकित करने का निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिया गया। साथ ही, जनपद में संचालित मोबाइल वेटनरी यूनिट 1962 के प्रचार-प्रसार के लिए ग्रामीण स्तर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान और ग्राम पंचायत सचिवालय पर बैनर या पेंटिंग के माध्यम से जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी-जिला पंचायत, उपायुक्त मनरेगा, जिला कृषि अधिकारी, अपर जिला सांख्यिकी अधिकारी, उप निदेशक-कृषि, जिला सूचना अधिकारी, सभी खण्ड विकास अधिकारी, नगर पालिका/नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी, नोडल अधिकारी-गोशाला, सभी उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।
डीएम की अध्यक्षता में एसपीसीए की बैठक आयोजित
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में जनपद में एसपीसीए (सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स) की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में घायल बंदर, कुत्ते, बिल्ली आदि के लिए आश्रय स्थल का निर्माण कराने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से आगे आने का अनुरोध किया गया। जिलाधिकारी ने कुत्तों में बधियाकरण के लिए अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जहां-जहां खुले ट्रांसफार्मर लगे हैं, वहां जाली लगाने की कार्यवाही अधिशासी अभियंता विद्युत द्वारा की जाएगी। निजी संस्थानों पर लगे खुले ट्रांसफार्मर पर संबंधित संस्था को जाली लगवाने की जिम्मेदारी दी गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि आपातकाल में घायल पशुओं के संरक्षण और इलाज के लिए टोलफ्री नंबर 1962, जिलाधिकारी हेल्पलाइन नंबर 05568225351/222261/223331, और पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन कर सूचित किया जा सकता है।
क्षेत्र में घायल बंदर मिलने पर संरक्षण और इलाज कराने के लिए जिला वनाधिकारी के मोबाइल नंबर 8056595393 पर सूचित करने का निर्देश दिया गया। बंदरों को पकड़ने के लिए मंकी कैचर और मंकी हैंडलर की व्यवस्था संबंधित नगर पालिका/नगर पंचायत/खण्ड विकास अधिकारी द्वारा की जाएगी। लाल बंदरों के आतंक और बढ़ती संख्या को जंगल में छोड़ने के लिए संबंधित नगर पालिका और जिला वनाधिकारी द्वारा व्यवस्था की जाएगी।
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय, अपर पुलिस अधीक्षक, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी-जिला पंचायत, जिला सूचना अधिकारी, सभी खण्ड विकास अधिकारी, नगर पालिका/नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी, सभी उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी और एसपीसीए के सदस्य क्रमशः परमेश्वर जोशी, अखिलेंद्र शाही, संजय पाठक, शिवकुमार गोयल, मुकेश कुमार दीक्षित, वंशराज यादव, उमाशंकर सोनकर, और बृजेन्द्र कुमार पांडेय उपस्थित थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."