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November 22, 2024 4:26 am

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गौशाला में भ्रष्टाचार के चलते विधवा महिला की फसल हुई बर्बाद, न्याय की गुहार पर प्रशासन मौन

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट जिले की एक गरीब विधवा महिला, सियावती, आज न्याय की गुहार लगा रही है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। मामला मऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायत कोलमजरा का है, जहां सरकार द्वारा अन्ना प्रथा रोकने के लिए बनाई गई गौशालाओं में गौवंशों के भरण-पोषण के नाम पर अनियमितताएँ हो रही हैं। गौशालाओं में संरक्षित किए गए गौवंशों की देखभाल और भोजन के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद गौवंशों की स्थिति दयनीय है।

सियावती का आरोप है कि 13 अगस्त 2024 को गौशाला के गौवंशों को जबरन उसके खेत में छोड़ दिया गया, जिससे उसकी मूंग और तिल की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। सियावती ने इस बात की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को दी, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।

जब किसी ने उसकी पुकार नहीं सुनी, तो ब्लॉक प्रमुख मऊ सुशीला देवी ने ‘जीत आपकी चलो गांव की ओर जागरूकता अभियान’ के संस्थापक/अध्यक्ष संजय सिंह राणा को इस मामले की जानकारी दी। संजय सिंह राणा ने तुरंत कोलमजरा गांव का दौरा किया और सियावती से मुलाकात कर उसकी फसल का निरीक्षण किया। उन्होंने गौशाला का भी दौरा किया, लेकिन वहां न तो कोई गौवंश मिला और न ही उनके भरण-पोषण का कोई इंतजाम था।

सियावती ने बताया कि उसकी आजीविका का एकमात्र साधन खेती है, लेकिन गौशाला के गौवंशों ने उसकी फसल को नष्ट कर दिया। ग्राम प्रधान और सचिव ने न तो उसकी नष्ट की गई फसल को देखने की जहमत उठाई और न ही गौशाला के चरवाहों ने इस मामले में कोई दिलचस्पी दिखाई।

सियावती ने 14 अगस्त 2024 को उप जिलाधिकारी मऊ को एक प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन वहां भी उसकी सुनवाई नहीं हुई।

ग्राम पंचायत कोलमजरा की यह समस्या केवल सियावती की नहीं है, बल्कि इससे पूरे गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। गौशालाओं से छोड़े गए गौवंश अब सड़कों और खेतों में घूम रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

जब संजय सिंह राणा ने खंड विकास अधिकारी मऊ राम जी मिश्रा से इस मामले पर जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अब इस ब्लॉक को विधायक जी ही संभालें। उन्होंने पत्रकारों पर अपने खिलाफ खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाया और कहा कि वे उनका तबादला करा दें।

सवाल यह उठता है कि अगर खंड विकास अधिकारी गौवंशों के प्रति इतने गंभीर हैं, तो गौवंशों को खुला क्यों छोड़ा गया है? गौवंशों की इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?

संजय सिंह राणा ने जिला प्रशासन से मांग की है कि गौवंशों के प्रति लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और सियावती को उसकी नष्ट हुई फसल का मुआवजा दिया जाए, ताकि उसे अपने भरण-पोषण के लिए दर-दर न भटकना पड़े।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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