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November 1, 2024 5:01 pm

ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप: मऊ ब्लॉक के बीडीओ की अवैध वसूली का खेल

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक में तैनात खंड विकास अधिकारी (केवीओ) रामजी मिश्रा के कथित भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के बारे में लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। इन आरोपों के अनुसार, केवीओ रामजी मिश्रा ग्राम प्रधानों और अन्य स्थानीय अधिकारियों से रिश्वत लेकर विकास कार्यों में अनियमितताएं कर रहे हैं। 

यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि वे अपने राजनीतिक संबंधों और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के नाम का भय दिखाकर अवैध वसूली कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप

रामजी मिश्रा पर आरोप है कि वे विकास कार्यों की जांच और कार्रवाई के नाम पर ग्राम प्रधानों से मोटी रकम की मांग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, मऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायत भिटारी में जांच के नाम पर उन्होंने ग्राम प्रधान से बीस हजार रुपए की रिश्वत ली, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने वहां की जांच में लीपापोती करके मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) महोदया से शिकायत कर दी। 

इतना ही नहीं, गौशालाओं में जांच के दौरान वे हमेशा कुछ न कुछ कमी निकालकर ग्राम प्रधानों से पैसे वसूलते हैं। अगर ग्राम प्रधान पैसे देने से मना करते हैं, तो उन्हें धमकी दी जाती है कि पंचायत में कराए गए विकास कार्यों की जांच कराई जाएगी। साथ ही, ग्राम प्रधानों को डराया जाता है कि सीडीओ के निर्देश पर उनके ग्राम पंचायत का खाता बंद कर दिया जाएगा।

ग्राम पंचायतों के विकास कार्य ठप

इन परिस्थितियों में मऊ ब्लॉक के लगभग 20 से 25 ग्राम प्रधानों ने खंड विकास अधिकारी की शोषणकारी नीतियों के चलते विकास कार्य रोक दिए हैं। जब सचिवों द्वारा विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए ग्राम प्रधानों से बात की जाती है, तो प्रधान उन पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हैं और उन्हें भला-बुरा कहते हैं। 

मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के आरोप

रामजी मिश्रा पर मनरेगा योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों की आईडी बनने के नाम पर 2 से 5 हजार रुपए तक की रिश्वत लेने का आरोप भी है। कार्य पूर्ण होने पर, मस्टर रोलों में फीडिंग के लिए भी 5 से 15 हजार रुपए तक की वसूली की जाती है। 

राजनीतिक संरक्षण और जिला प्रशासन के नाम का दुरुपयोग

आरोप है कि रामजी मिश्रा अपने राजनीतिक संबंधों और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के नाम का डर दिखाकर अवैध वसूली करते हैं। उनका दावा है कि विधायक जी उनके पक्ष में हैं, जिससे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती।

रामजी मिश्रा की तैनाती के बाद से मऊ ब्लॉक में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों की चर्चाएं तेज हो गई हैं। यह देखना बाकी है कि क्या विधायक और मुख्य विकास अधिकारी महोदया इन आरोपों की जांच कराकर खंड विकास अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे, या फिर रामजी मिश्रा इसी तरह ग्राम प्रधानों का शोषण करते हुए अवैध वसूली जारी रखेंगे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."