चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बाराबंकी। एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहाँ एक युवक ने खंडहर हो चुके जीआरपी (Government Railway Police) के आवास में सो रही एक 7 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इस घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जब पुलिस आरोपी को घटनास्थल पर ले गई, तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। हालांकि, पहले से ही सतर्क पुलिस ने जवाबी फायरिंग में आरोपी को काबू में कर लिया। इस पूरी घटना का विवरण इस प्रकार है:
घटना का विवरण
बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास खंडहर हो चुके जीआरपी के पुराने आवास में एक महिला अपनी 7 साल की मंदबुद्धि बेटी के साथ रहती थी।
घटना के दिन, बच्ची अकेली सो रही थी, क्योंकि उसकी मां किसी काम से बाहर गई हुई थी। जब वह वापस लौटी, तो उसने अपनी बेटी को खून से लथपथ पाया और कमरे में खून बिखरा हुआ था। घबराई हुई मां ने तुरंत अपनी बेटी को अस्पताल पहुंचाया और पुलिस को सूचित किया। बच्ची की हालत थोड़ी सुधरने पर, पुलिस और मां ने मिलकर पूरी घटना का पता लगाने की कोशिश की।
बच्ची का बयान
पूछताछ के दौरान, बच्ची ने पूरी घटना पुलिस को बता दी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का नाम विजय बताया जा रहा है, जो रेलवे स्टेशन पर खाना-पान के सामान बेचकर अपनी रोजी-रोटी कमाता था।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि घटना के वक्त वह खंडहर के पास से गुजर रहा था और बच्ची को अकेला देखकर उसके अंदर की हैवानियत जाग गई। उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और जब बच्ची बुरी तरह से जख्मी हो गई, तो वह उसे उसी हालत में छोड़कर भाग गया।
पुलिस पर फायरिंग
आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में यह भी बताया कि घटना के दौरान पहने हुए कपड़े उसने घटनास्थल के आसपास ही छिपा दिए थे। इसके बाद पुलिस आरोपी को कपड़ों की बरामदगी के लिए घटनास्थल पर ले गई।
वहाँ पहुँचकर, आरोपी ने कपड़ों में छिपाए हुए पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग कर दी। लेकिन पहले से ही सतर्क पुलिस ने जवाबी फायरिंग करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। इस एनकाउंटर में आरोपी के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ पुलिस की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने आरोपी को कानून के शिकंजे में लाकर सही दिशा में कदम उठाया है, लेकिन यह घटना उन कमजोर वर्गों की सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को भी उजागर करती है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."