टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
वेश्यावृत्ति (Prostitution) अब हाईटेक (hightech) होती जा रही है। जैसे हर व्यवसाय में बदलाव आया है, वैसे ही वेश्यावृत्ति में भी बदलाव की हवा तेजी से बह रही है।
पहले सड़क किनारे, फ्लाईओवर के नीचे खड़ी रहने वाली लड़कियों की संख्या अब कम हो गई है, लेकिन वहाँ भी डील (deal) होती रहती है।
इसके साथ ही कॉलेज गर्ल्स, हाई प्रोफाइल व्यवसाय कर रही हैं। अच्छे सपने लेकर कॉलेज आने वाली लड़कियां, अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस व्यवसाय में उतर रही हैं।
हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देह व्यापार में आने वाली लड़कियों में बड़े कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां भी शामिल हैं।
वेश्यावृत्ति आज की नहीं है। सदियों से यह चलता आ रहा है। लेकिन आजकल की लड़कियां बड़ी चालाकी से व्यवसाय कर रही हैं। उनके लिए सिर्फ पैसा ही मायने नहीं रखता। स्वच्छता, हाई ग्रेड भी मायने रखता है। यही कारण है कि लड़कियों का लुक भी बदल गया है।
ज्यादा मेकअप करके, फ्लाईओवर के नीचे हाथ फैलाकर खड़ी रहने वाली लड़कियां 100 -200 रुपये में डील करती हैं। लेकिन हाईटेक व्यवसाय करने वाली लड़कियां अच्छे कपड़े, स्टाइल को तरजीह देती हैं।
जींस, टी शर्ट पहने, व्हाट्सएप, फेसबुक के जरिए व्यवसाय करने वाली ये लड़कियां, स्मार्टफोन हाथ में लिए रहती हैं। इनका व्यवसाय ऑनलाइन चलता है।
बड़े लोग ही इनके टारगेट होते हैं। इसलिए इनकी रेट भी कम नहीं होती। 15 -25 हजार रुपये में इनकी डील होती है, यह जानकर आपको यकीन करना ही पड़ेगा।
अलग-अलग शहरों से यहाँ इस व्यवसाय में आने वाली लड़कियां शुरुआत में अपना राज नहीं खोलती हैं। फेसबुक पर दूसरे अकाउंट, दूसरी फोटो के जरिए ही वे ग्राहकों से व्यवहार करती हैं। ग्राहकों पर भरोसा होने के बाद ही वे अपना चेहरा दिखाती हैं। ग्राहक जहाँ बुलाते हैं या फिर ये जहाँ तय करती हैं, वहाँ चली जाती हैं। वहाँ जाने के बाद अपना व्हाट्सएप नंबर देकर आती हैं। किसी भी नए सदस्य को अपनी टीम में शामिल करने से पहले वे काफी पूछताछ भी करती हैं।
हाईटेक तरीके से चलने वाले इस व्यवसाय के लिए अपार्टमेंट ही सबसे सुरक्षित जगह होती है। कई लड़कियां अपार्टमेंट किराए पर लेकर वहाँ व्यवसाय करती हैं। ग्राहकों को वहीं बुलाती हैं। वहाँ के सिक्योरिटी गार्ड को भाई, दोस्त, रिश्तेदार बताकर चकमा देने में ये माहिर होती हैं। भारत में इनका बहुत बड़ा जाल फैला हुआ है।
पहले लड़कियों को किडनैप करके वेश्यावृत्ति में धकेला जाता था। लेकिन अब कई कॉलेज की छात्राएं खुद ही इसमें कूद रही हैं। दलाल के जरिए व्यवसाय करने वालों की संख्या भी कम होती जा रही है। दलाल भी व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमें लड़कियों को जोड़कर डील करते हैं।
कई बार एक शहर से दूसरे शहर आने वाली लड़कियां अपनी पहचान बदल लेती हैं। एक ही जगह पर वे ज्यादा दिन नहीं रुकती हैं।
ग्राहकों को फ्रेश चेहरा चाहिए होता है और गोपनीयता भी, इसलिए दलाल यह काम करते हैं। दलाल ज्यादा पैसे लेकर धोखा देते हैं। इसलिए हम खुद ही इस व्यवसाय में उतर गए हैं, ऐसा कहने वाली कुछ लड़कियां भी हैं। ग्राहक चुनना, डील करना, सब कुछ लड़कियां खुद ही करती हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."