चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
भारत में गाय को एक पवित्र और पूजनीय स्थान प्राप्त है। इसे मां का दर्जा दिया जाता है, क्योंकि भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष महत्व है। जब एक बच्चा मां के दूध के अलावा किसी अन्य स्रोत से पोषण प्राप्त करने की आवश्यकता महसूस करता है, तो अक्सर उसे गाय का दूध दिया जाता है। यह कहा जाता है कि गाय के दूध में वही पोषक तत्व होते हैं जो मां के दूध में होते हैं, इसलिए इसे इतना महत्वपूर्ण माना जाता है।
गाय को सिर्फ इसलिए ही नहीं पूजा जाता, बल्कि हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में भी इसे देवताओं के समान आदर और सम्मान दिया गया है। “गौ माता” के रूप में प्रतिष्ठित गाय को हिंदू धर्म में भगवान का दर्जा प्राप्त है, और इसे आस्था और श्रद्धा से पूजा जाता है।
हालांकि, कुछ लोग इस पवित्र प्राणी के साथ क्रूरता करने से भी नहीं चूकते। हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर किसी का भी खून खौल सकता है। यह वीडियो मध्य प्रदेश के सीधी जिले का है, जहां मझौली थाना क्षेत्र में वार्ड संख्या 12 के एक गांव में बाप-बेटे ने गाय और उसके बछड़े के साथ बेहद बर्बरता से मारपीट की। इस घटना में पहले दोनों ने गाय और बछड़े को पत्थरों से मारा, और फिर फावड़ा उठाकर गाय की कमर तोड़ डाली। इस क्रूरता की हद यह थी कि मारने के बाद गाय चल भी नहीं पा रही थी।
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गांव के लोग इस अमानवीय कृत्य का विरोध करते हुए बाप-बेटे से ऐसा न करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन दोनों के सिर पर मानो खून सवार था। वे बेरहमी से गाय और उसके बछड़े को मारते रहे। इस दिल दहला देने वाली घटना को गांव के एक व्यक्ति ने अपने कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया, और फिर इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जहां से यह तेजी से वायरल हो गया।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच में यह सामने आया कि गाय अपने बछड़े के साथ एक खेत में घुस गई थी, जहां मक्के की खेती हो रखी थी। गाय ने कुछ मक्का खा लिया, जिससे किसान और उसके बेटे को गुस्सा आ गया। उन्होंने गाय और बछड़े को खेत से खींचकर सड़क पर लाया और फिर उन पर हमला कर दिया।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में गौ रक्षा और पशु क्रूरता के मुद्दे को उजागर कर दिया है। गाय को मां का दर्जा देने वाले समाज में इस तरह की घटनाएं न केवल आस्था पर चोट पहुंचाती हैं, बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार करती हैं।
पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी एक जरूरी कदम है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और भी कठोर कानूनों और जागरूकता की आवश्यकता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."