चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
पूजा की शादी हुए 12 साल हो चुके थे, लेकिन उसके शादीशुदा जीवन में कई समस्याएं थीं।
उसके पति गुरुचरन की शराब की लत थी और वह अक्सर पूजा के साथ मारपीट करता था। इस स्थिति से तंग आकर पूजा ने अपने जीवन में बदलाव लाने का फैसला किया और घर छोड़कर प्रेमियों की खोज में निकल पड़ी।
पहले उसने अपने पहले प्रेमी के साथ महाराष्ट्र में दो महीने बिताए। इसके बाद उसने एक दूसरे प्रेमी को पाया और उसके साथ अपने सपने बुनने लगी। लेकिन पूजा की प्रेम कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
उसकी जिंदगी में एक तीसरे प्रेमी की भी एंट्री हो गई। इन तीन प्रेमियों के साथ उसके रिश्तों ने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया और उसने एक खौफनाक साजिश रच दी।
26 जुलाई 2024 की सुबह कानपुर देहात के मनकापुर इलाके में एक लाश सड़क किनारे पड़ी मिली। लाश के ऊपर एक बाइक टिकी हुई थी।
पुलिस ने जांच शुरू की और लाश की पहचान गुरुचरन के रूप में हुई। शुरू में यह मामला एक सड़क दुर्घटना जैसा लग रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया।
रिपोर्ट में सामने आया कि गुरुचरन की हत्या गला घोंटकर की गई थी, न कि कोई एक्सीडेंट था।
गुरुचरन के भाई राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसकी हत्या की गई है और उसने पूजा, गुलाब सिंह, शिवम, और विष्णु के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने इन चारों की कॉल डिटेल चेक की और पता चला कि गुलाब सिंह के फोन पर एक खास नंबर से लगातार लंबी बातें होती थीं। यह नंबर पूजा के नाम पर था, जिसे उसने छुपाकर रखा था और केवल गुलाब सिंह से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल करती थी।
पुलिस ने पूजा और गुलाब सिंह को हिरासत में लिया और पूछताछ की। सख्ती के साथ पूछताछ के दौरान, पूजा ने खुलासा किया कि गुरुचरन की शराब पीने की आदत और मारपीट के कारण वह परेशान थी।
इसी दौरान उसने शिवम से मुलाकात की और उसके साथ घर छोड़कर महाराष्ट्र चली गई। वहां दो महीने रहने के बाद वह गांव लौटी और विष्णु नाम के एक नए प्रेमी के साथ रिश्ते में आई। बाद में, उसके चचेरे देवर गुलाब सिंह के साथ भी उसकी नजदीकियां बढ़ गईं।
गुरुचरन को इस बारे में पता चल गया कि उसकी पत्नी का संबंध गुलाब सिंह से है। गुलाब सिंह के साथ गाली-गलौज की घटनाओं के कारण पूजा ने अपने प्रेमियों के साथ मिलकर एक हत्या की साजिश रच ली।
पूजा ने एक नया सिम कार्ड खरीदा और गुलाब सिंह से गुप्त तरीके से संपर्क किया, जिससे उसने गुरुचरन की हत्या के लिए उसे तैयार किया। हत्या की साजिश में विष्णु और शिवम भी शामिल हो गए।
25 जुलाई को, विष्णु ने गुरुचरन को शराब पीने के बहाने से गांव के बाहर बुलाया। नशे की हालत में गुरुचरन के गले में विष्णु ने गमछा डालकर गला घोंट दिया।
शिवम और गुलाब सिंह ने भी इसमें मदद की और गुरुचरन की लाश को सड़क के किनारे डाल दिया, और बाइक को उसके ऊपर गिरा दिया ताकि यह एक दुर्घटना लगे।
हालांकि, कॉल डिटेल्स से पुलिस ने पूजा की साजिश को उजागर कर दिया। पूजा, गुलाब सिंह, शिवम और विष्णु को गुरुचरन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."