अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ और दिल्ली में मंगलवार को राजनीतिक माहौल काफी गहमा-गहमी भरा रहा। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चचा शिवपाल यादव को लेकर एक बयान दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
योगी आदित्यनाथ ने मजाक करते हुए कहा कि शिवपाल यादव हमेशा “गच्चा” खाते हैं, और इस टिप्पणी पर पूरे सदन में हंसी का दौर शुरू हो गया। इस टिप्पणी पर शिवपाल यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि जब चाचा को गच्चा दिया जाता है तो राज्य पीछे रह जाता है, लेकिन वे भरोसा रखते हैं कि 2027 में सपा फिर से सत्ता में आएगी।
वहीं, दिल्ली में संसद की कार्यवाही के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के हारने के बाद अब वे एक-दूसरे से नमस्ते तक नहीं कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो बड़े दावे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने महंगाई बढ़ाई है और नौकरियां नहीं दी हैं, और लव जिहाद जैसे कानून लाकर अपनी साम्प्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
संसद के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने न केवल महंगाई बढ़ाई है बल्कि रोजगार के मामले में भी पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि भाजपा साम्प्रदायिकता का माहौल बनाए रखने के लिए ऐसे कानून लाने की कोशिश कर रही है।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने शिवपाल यादव को गच्चा दिए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मजाकिया अंदाज में कहा कि यह तो चलता रहता है।
शिवपाल यादव पर टिप्पणी करते हुए महाना ने कहा कि इतिहास में भी ऐसा होता रहा है, और यह मुद्दा न बनाएं। इसके बाद सदन में हंसी-ठहाकों की बौछार हो गई।
सदन में हंसी-मजाक के बाद जब शिवपाल यादव ने अपनी बात रखी, तो वहां की राजनीति का माहौल हल्का-फुल्का हो गया। पूरी स्थिति ने यह दर्शाया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजेदार और अनूठी छवि बनी हुई है, जिसमें नेताओं के बीच की हल्की-फुल्की बयानबाजी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
Author: samachar
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