जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया। प्रदेश भाजपा में चल रही तमाम राजनीतिक हलचलों के बीच, हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए और सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय का बड़ा बयान सामने आया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की उपस्थिति में दिए गए इस बयान के राजनीतिक मायने काफी महत्वपूर्ण हैं।
बलिया में कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में मंच से बोलते हुए नारद राय ने कहा कि बलिया में अधिकारी बीजेपी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनते हैं। उन्होंने कहा कि यहां के डीएम ने जाते-जाते एक संविदा कर्मचारी का लाइसेंस बनवा कर कार्यकर्ताओं के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा है। जब बीजेपी कार्यकर्ता शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए थाने जाते हैं, तो वहां सिपाही से लेकर कोतवाल तक घूस मांगते हैं।
कार्यकर्ताओं की थाने में बात तक नहीं सुनी जाती है। इसी तरह जब हमारा कार्यकर्ता तहसील में किसी की जमीन की पैमाईश या दाखिल खारिज के लिए जाता है, तो न तो लेखपाल उनकी सुनता है और न ही एसडीएम उनकी बात सुनता है।
नारद राय ने परिवहन राज्य मंत्री से अपील की कि वे जिले के सभी अधिकारियों की एक मीटिंग बुलाएं और कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए उन्हें आदेश दें।
उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी का मंडल प्रभारी इन अधिकारियों के बगल की कुर्सी पर बैठने लगेगा, तभी हमारे कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ेगा।
पूर्व मंत्री नारद राय ने बसपा कार्यकर्ताओं पर भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता बसपा के कार्यकर्ताओं की तरह थानों में वसूली करने नहीं जाते हैं। वे अपने हक और अधिकार की बात करने थाने में जाते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हमारे कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ेगा, तभी हम 2027 में सपा और कांग्रेस को हरा पाएंगे।
गौरतलब है कि सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय ने अखिलेश यादव द्वारा मंच से अपना नाम न पढ़े जाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
Author: samachar
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