दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद सियासी खींचतान के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच जमकर वार-पलटवार हो रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को केशव प्रसाद मौर्य को एक व्यंग्यात्मक ‘मानसून ऑफर’ देते हुए कहा था, “100 लाओ, सरकार बनाओ।”
केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार
शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के इस बयान पर तीखा पलटवार किया। केशव प्रसाद मौर्य ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा, “मानसून ऑफर को 2027 में 47 पर जनता और कार्यकर्ता फिर समेटेंगे। एक डूबता जहाज और समाप्त होने वाला दल जिसका वर्तमान और भविष्य खतरे में है। वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख सकता है, परंतु पूर्ण नहीं हो सकता। 2027 में 2017 दोहराएंगे, फिर कमल की सरकार बनाएंगे।”
सपा अध्यक्ष का जवाब
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था, “सरकार से बड़ा संगठन होता है।” अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “न संगठन बड़ा होता है, न सरकार। सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण।”
उन्होंने आगे लिखा, “दरअसल, संगठन और सरकार तो बस साधन होते हैं, लोकतंत्र में साध्य तो जनसेवा ही होती है। जो साधन की श्रेष्ठता के झगड़े में उलझे हैं, वो सत्ता और पद के भोग के लालच में हैं, उन्हें जनता की कोई परवाह ही नहीं है। भाजपाई सत्तान्मुखी हैं, सेवान्मुखी नहीं।”
अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच इस सियासी बयानबाजी से साफ है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में तकरार और कटाक्ष का दौर जारी है। जहां एक तरफ भाजपा अपनी सरकार की वापसी के लिए आश्वस्त नजर आ रही है, वहीं सपा जनता के कल्याण और जनसेवा को प्राथमिकता देने की बात कर रही है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसके पक्ष में अपना समर्थन देती है।
Author: samachar
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