दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
2 जुलाई को हाथरस में हुए हादसे में 123 लोगों की मौत के बाद, प्रसिद्ध संत नारायण साकार हरि ने अपना कासगंज स्थित आश्रम छोड़ दिया। हादसे के कारण का अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन बाबा का मानना है कि यह भगदड़ एक बड़ी साजिश का नतीजा है। इस मामले की जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही है। बाबा साकार हरि ने कहा था कि भगदड़ में हुई लोगों की मौत से वह बहुत दुखी हैं और इस वजह से अब वह उत्तर प्रदेश छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं।
नए आश्रम में शिफ्ट हुए नारायण साकार हरि
नारायण साकार हरि अब कासगंज का आश्रम छोड़कर ग्वालियर स्थित अपने आश्रम में रहने चले गए हैं। ज्ञात हो कि कासगंज जनपद ही नारायण साकार हरि का जन्मस्थान है। वे 2013 में कासगंज आए थे और फिर 2023 में केवल एक दिन के लिए वहां आए थे। उन्होंने सरकार से मिली पेंशन का पैसा भी कासगंज के आश्रम में ही लगा दिया और उसे वहां के लोगों को सौंप दिया।
हाथरस हादसे पर बाबा का बयान
हाथरस में हुए हादसे के बाद बाबा का एक बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि वे इस हादसे से काफी परेशान हैं, लेकिन जो भी यहां आया है उसे तो जाना ही है। बाबा ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि भगदड़ के दौरान विषैले स्प्रे का उपयोग हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक साजिश है और कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि, उन्हें इस मामले की जांच कर रही एसआईटी पर पूरा भरोसा है।
Author: samachar
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