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November 1, 2024 4:51 pm

हाथरस मामले पर कुछ छुपाया जा रहा है… .👇वीडियो देखिए अखिलेश ने किसपर सवाल उठाया है? 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में मौतों की संख्या बढ़कर 123 हो गई है। इनमें 113 महिलाएं, कई पुरुष और बच्चे शामिल हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने एटा, हाथरस और मैनपुरी से 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है, जो सभी भोले बाबा से जुड़े हुए हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

इस हादसे पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रशासन और प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अखिलेश यादव ने कहा, “बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। यह दुख की बात है। प्रदेश में इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहते हैं, तो सरकार ने सत्संग वाली जगहों पर जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों नहीं भेजा? पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है। जब भी इस तरह के आयोजन होते हैं तो भीड़ होती है। इस पर प्रशासन ने ध्यान क्यों नहीं दिया?”

अखिलेश यादव ने सरकार पर हाथरस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा छिपाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “सरकार हर बात छिपाना चाहती है। सरकार मरने वाले लोगों की संख्या भी गलत बता रही है। सरकार असली मुद्दा छुपा रही है। वह चाहती है कि हाथरस मुद्दे से सबका ध्यान हट जाए। सरकार से सवाल पूछना चाहिए, उनके पास जो जिम्मेदारी है उससे वह भाग नहीं सकती।”

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि सरकार को इस विभाग के मंत्री अपने स्वार्थ पूरे करने में लगे रहते हैं, इसलिए विभाग पर ध्यान कौन देगा। हाथरस में इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ, इसका जवाब सरकार को देना होगा।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव की भोले बाबा के साथ एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीरों में सपा अध्यक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठे दिख रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये तस्वीर बाबा के कार्यक्रम की है या किसी और अवसर की।

कल, बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस जाकर घायलों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, “यह हादसा एक साजिश जैसा है। लोग मरते गए, सेवादार वहां से भाग गए। उन्होंने न तो प्रशासन को इसकी सूचना दी और न ही लोगों की मदद की। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."