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November 22, 2024 10:29 am

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पसलियां टूटकर बिखर गई, फेफड़ों में हड्डी घुसी, बड़ी दर्दनाक मौत दे गया बाबा के चरण रज ने… अब राहुल करेंगे हाल पुरसाई

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

हाथरस में हुए सत्संग हादसे में 102 लोगों की मौत के बाद उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि अधिकतर मौतों का कारण पसली टूटना, फेफड़ों का फटना और भगदड़ में दम घुटना रहा। अलीगढ़, हाथरस, और एटा में इन सभी मृतकों का पोस्टमार्टम किया गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चला कि भगदड़ के दौरान लोगों को लगी चोटों के कारण उनके सिर, हाथ-पैर और शरीर के अन्य अंग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रिपोर्ट दर्शाती है कि सत्संग स्थल पर भगदड़ में लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ते गए। जो एक बार भीड़ में गिर गया, वह दोबारा नहीं उठ पाया। इस वजह से लाखों लोगों की भीड़ में जमीन पर गिरे हुए श्रद्धालुओं को कीड़े-मकोड़ों की तरह कुचल दिया गया। इतनी बड़ी भीड़ में कोई भी किसी की चीख नहीं सुन पा रहा था।

शुरुआत में, इस घटना में अधिकतर लोगों की मौत का कारण गर्मी और उमस को माना जा रहा था। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ कि अधिकांश मौतें दम घुटने से हुईं, क्योंकि लोग लाखों की भीड़ में फंस गए थे। हादसे के दौरान तमाम श्रद्धालुओं को संभलने का जरा भी मौका नहीं मिल सका।

अलीगढ़ पोस्टमार्टम हाउस पर छह डॉक्टरों और दो फार्मासिस्ट की टीम ने 38 शवों का पोस्टमार्टम किया। यह प्रक्रिया रात 10 बजे से सुबह 9 बजे तक चली। पोस्टमार्टम हाउस पर रोते-बिलखते परिजन अपने प्रियजनों के शव लेकर अपने-अपने घरों को रवाना हुए। रात भर रुके हुए परिजनों के खाने और जाने के लिए वाहन और डीजल की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई थी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी हाथरस जाकर भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। यह जानकारी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद हाथरस जाकर भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देंगे।

वेणुगोपाल ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी घटनास्थल पर जाकर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे के बाद घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने पीड़ितों और जान गंवाने वाले परिजनों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि इस हादसे के जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएम योगी ने भगदड़ में जान गंवाने वाले परिजनों को दो लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। इसके साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को तलब कर उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए और कहा कि जांच में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए।

बाबा भोलेनाथ के इस विशाल कार्यक्रम के आयोजन की मंजूरी प्रशासन से मिली थी, लेकिन बताया जा रहा है कि वहां श्रद्धालुओं के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिससे यह हादसा हुआ। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और लापरवाही बरतने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इस कार्यक्रम के लिए 40 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन वहां 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए। इतनी बड़ी भीड़ के लिहाज से 40 पुलिसकर्मियों की संख्या अपर्याप्त थी।

मौके पर तैनात यूपी पुलिस की कांस्टेबल शीला मौर्य ने बताया, “मुझे मंच पर तैनात किया गया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और धक्का देने लगे। इस दौरान मैंने कई महिलाओं की मदद की और मुझे भी चोटें आईं।”

हादसे के बाद बाबा भोलेनाथ ने अपने वकील के जरिए बयान जारी कर कहा, “हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद मैं वहां से रवाना हो गया था। किसी असामाजिक तत्वों ने यह भगदड़ मचाई है, जिनके खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।”

हाथरस हादसे में अब तक 123 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और बाबा फरार है। यूपी पुलिस ने बाबा की तलाश के लिए कार्रवाई तेज कर दी है और कई जिलों में छापेमारी की जा रही है। अब तक 30 सेवादारों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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