चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
देश में डेटिंग एप का कल्चर काफी ज्यादा चलन में चल रहा है। आज का नौजवान डेटिंग एप के जरिए ही अपने साथी से मुलाकात करता है, कुछ मामलों में तो यह डेटिंग एप सही मायनों में दो प्यार करने वालों को मिला देती है। लेकिन अब कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां पर इन्हीं डेटिंग एप के जरिए बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की जा रही है।
बात चाहे दिल्ली एनसीआर की हो या फिर बड़े शहरों की, ऐसे कई मामले आए हैं जहां पर लड़कियों ने पहले लड़कों को डेटिंग एप पर फंसाया, फिर उन्हें कुछ चयनित रेस्टोरेंट या फिर कैफे में बुलाया, फिर उन कैफे में मोटा बिल आया और वहां लड़का स्कैम का शिकार हो गया।
एक सेट पैटर्न और फिर धोखा
एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे एक लड़के को 1 लाख 20 हजार का चूना लग गया। अब पहले जांच एजेंसी को लगा कि यह सिर्फ एक मामला है लेकिन जब धीरे-धीरे और इसी प्रकार के केस सामने आए और उन सभी केस में एक सेम पैटर्न भी दिखाई पड़ा, तब जाकर पता चला कि बड़ा रैकेट डेटिंग एप के जरिए कई शहरों में ऑपरेट कर रहा है।
आखिर कैसे फंसाया जाता है?
पुलिस को पता चला है कि सबसे पहले डेटिंग एप पर लड़का किसी लड़की को पसंद करता है, उसके बाद वह लड़की अपनी तरफ से व्हाट्सएप नंबर शेयर करती है। फिर उसके बाद एक निश्चित जगह पर उस लड़के को बुलाया जाता है, ज्यादातर केस में देखा गया है कि किसी मेट्रो स्टेशन पर पहले लड़की बुलाती है, फिर पहले से तय एक कैफे में लड़के को लेकर जाती है। अब वहां पर काफी कुछ आर्डर किया जाता है, लेकिन बिल देने से ठीक पहले लड़की इमरजेंसी का बहाना बनाकर वहां से चली जाती है और लड़के के सामने उम्मीद से भी ज्यादा बिल आता है और उसे वो चुकाना भी पड़ता है। अगर लड़का विरोध करे तो बाउंसर के जरिए धमकी दी जाती है।
केस ज्यादा, आखिर रिपोर्ट क्यों नहीं हो रहे?
इन मामलों में यह भी पता चला है कि इसमें कोई एक आरोपी नहीं होता है बल्कि कई सारे साथ मिलकर एक रणनीति के तहत लड़के को फंसाते हैं। बाद में सारा पैसा होटल ओनर, कैफे के मालिक और उस लड़की के बीच में बंट जाता है।
यह बात भी सामने आई है कि ऐसे मामलों को छिपाने के लिए लड़के खुद ही पुलिस के पास जाकर शिकायत नहीं करते हैं। परिवार को पता ना चल जाए, इसी डर से कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई जाती है।
वैसे कुछ मामलों में लड़कियां भी इसी प्रकार के स्कैम का शिकार हुई हैं, बस वहां पर फर्क इतना होता है कि लड़की की जगह लड़का जाल बिछाता है।
लाखों का बिल, चुकाएगा कौन!
कुछ मामलों में देखा गया है कि जहां पर बिल 7 से 10 हजार के बीच में आना होता है, वह 40 से 50 हजार तक चला जाता है, इसी तरह कुछ केस में तो एक लाख के पार भी लड़कों ने बिल भरा है। अभी के लिए जागरूकता तो बढ़ी है, लेकिन स्कैम करने वाले भी अलग-अलग रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."