संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
बांदा। जसपुरा ब्लॉक में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती घटनाओं ने खाता धारकों में चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल आर्यावर्त बैंक की पपरेंदा शाखा से डेढ़ सौ खाताधारकों के खातों से 40 लाख रुपये निकालने की घटना का समाधान अभी तक नहीं हो पाया था। अब उसी ब्लॉक की ग्राम पंचायत गडरिया स्थित आर्यावर्त बैंक की शाखा से बैंक मित्र और कर्मचारियों की मिलीभगत से खाताधारकों के लगभग 17 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। खाता धारकों के विरोध प्रदर्शन के बाद इस नई घटना की जांच शुरू हो गई है।
इस तरह की घटनाएं बैंकिंग सुरक्षा और ग्राहक सेवा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती हैं। बैंक प्रशासन को इस मामले की गहन जांच करके दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके। साथ ही, ग्राहकों को भी सतर्क रहने और अपने बैंक खातों की नियमित जांच करने की सलाह दी जाती है।
इस हेराफेरी का खुलासा 10 जून को तब हुआ जब ग्राम पंचायत गडरिया के निवासी अजय निषाद ने अपनी पत्नी का खाता चेक कराया। अजय निषाद ने बताया कि उनकी पत्नी संगीता का आर्यावर्त बैंक में खाता है। खाता चेक कराने पर उन्हें पता चला कि फर्जीवाड़ा करते हुए उसके खाते से दस हजार रुपये निकाल लिए गए हैं। इसी तरह, एक और खाताधारक सुमित्रा के खाते से 11 हजार रुपये और राधा के खाते से भी 11 हजार रुपये निकाले गए, और उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी।
इस मामले ने खाता धारकों के बीच गहरी चिंता उत्पन्न कर दी है और बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद बैंक प्रशासन को दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और खाताधारकों को इस तरह के धोखाधड़ी से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
जब अन्य खाताधारकों को इस हेराफेरी की जानकारी मिली, तो उन्होंने भी अपने बैंक खाते चेक कराए और उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उनके खातों से भी रकम निकाली गई थी। जिनके बैंक खातों से रकम निकाली गई है, उनमें ज्यादातर पेंशनधारक, किसान सम्मान निधि और मनरेगा के मजदूर शामिल हैं। ठगी का शिकार हुए इन खाताधारकों ने बैंक के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस व बैंक मैनेजर से शिकायत की। उन्होंने स्थानीय विधायक और जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद से भी मिलकर पैसा वापस दिलाने की गुहार लगाई।
खाताधारकों का आरोप है कि करीब 300 खाताधारकों के खाते से लगभग साढ़े 17 लाख रुपये पार किए गए हैं। राज्यमंत्री के निर्देश पर जसपुरा थानाध्यक्ष को तत्काल जांच व कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में बैंक के शाखा प्रबंधक रामराज मीणा से संपर्क नहीं हो पाया।
जसपुरा थाना के उप निरीक्षक वीरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि खाताधारकों ने पुलिस के अलावा बैंक प्रबंधक से भी शिकायत की है। बैंक के उच्च अधिकारियों द्वारा अपने स्तर से ऑडिट कराया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने खाता धारकों का पैसा गायब हुआ है और इसके लिए कौन दोषी है। इसकी जानकारी मिलते ही आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह की घटनाएं बैंकिंग व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं और बैंक प्रशासन को कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि खाताधारकों का विश्वास बहाल हो सके।
Author: samachar
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