इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होने वाला है। इसी बीच गोरखपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) की प्रत्याशी काजल निषाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में काजल निषाद निषाद समाज के लोगों से भावुक अपील करती नजर आ रही हैं। वह कह रही हैं कि उन्होंने समाज के लिए अपनी सभी सुख-सुविधाओं का त्याग किया है और अब समाज को उनकी मदद करनी चाहिए।
काजल निषाद ने कहा कि लगातार बोलते-बोलते उनका गला बैठ गया है और पैर में सूजन आ गई है। गोरखपुर में 1 जून को मतदान होना है, जिसमें काजल निषाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी रवि किशन के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
गौरतलब है कि गोरखपुर भाजपा का एक मजबूत गढ़ माना जाता है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निषाद वोटों को अपने पाले में करने के लिए काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है।
हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन करती हूं
मान सम्मान बचा लीजिए 🙏 pic.twitter.com/fU8C7pELVu— Kajal Nishad (@kajalnishad) May 31, 2024
हालांकि, ऐसा लग रहा है कि योगी आदित्यनाथ के इस गढ़ में काजल निषाद अपने निषाद वोटरों को साधने में कठिनाई महसूस कर रही हैं। इसी वजह से उन्हें वीडियो जारी कर सहानुभूति में वोट देने की अपील करनी पड़ रही है।
दरअसल, 1 जून को काजल निषाद का जन्मदिन भी होता है। अपने वीडियो में काजल निषाद ने कहा, “मेरा जन्मदिन है, तो मुझे आशीर्वाद जरूर दीजिएगा। मैं आपसे कुछ मांग नहीं रही हूं, बस एक वोट मांग रही हूं। निषाद समाज का मान-सम्मान बचा लीजिए। इस बार नहीं बचा तो दोबारा कोई पार्टी निषाद समाज पर भरोसा नहीं करेगी। जब समाज का साथ होगा तभी तो टिकट मिलेगा। सर्व समाज मुझे वोट देने के लिए तैयार है, लेकिन मुझे अपने समाज से अपील करनी पड़ रही है। मैं जानती हूं कि निषाद समाज को कई लोग बरगला रहे हैं। निषाद समाज बहुत भोला है।”
वीडियो में काजल निषाद कई बार आंसू पोछते हुए नजर आईं। उन्होंने आगे कहा, “बोलते-बोलते मेरा गला बैठ गया है। मेरा पैर सूज गया है, लेकिन मैं फिर भी चल रही हूं। किसके लिए?” भाजपा प्रत्याशी रवि किशन पर आरोप लगाते हुए काजल निषाद ने कहा, “रवि किशन कहते हैं कि निषादों के पसीने से बदबू आती है। गरीबों के पसीने से बदबू आती है। इस तरह से वह बात करते हैं, जबकि मैं गरीबों को गले लगाती हूं। मुझे समाजसेवा करना अच्छा लगता है।”
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 20,74,745 हैं, जिनमें से साढ़े 4 लाख से अधिक निषाद वोटर हैं। यदि निषाद, यादव और मुस्लिम वोटर सपा को समर्थन देते हैं, तो भाजपा की परंपरागत सीट पर सपा जीत सकती है। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में सपा ने संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को समर्थन दिया था, और वे चुनाव जीत गए थे। सपा वही रणनीति दोहराते हुए काजल निषाद को उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है।
Author: samachar
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