चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बहराइच: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद से महाराजा सुहेलदेव राजभर का अपमान होता रहा। उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर के गुनहगार सालार मसूद गाजी को मौत के घाट उतारकर बहाराइच में उसकी कब्र बनाने वाले महा पराक्रमी महाराजा सुहेलदेव को केवल वोट बैंक के लिए कांग्रेस, सपा और बसपा ने सम्मान नहीं दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि ऐसा करने पर सालार मसूद गाजी का भक्त वोट बैंक खिसक न जाए। सीएम योगी शुक्रवार को महसी के रामपुरवा बाग में बहराइच लोकसभा सीट के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पार्टी प्रत्याशी डॉ. आनंद कुमार गोंड के पक्ष में जनता से वोट की अपील की।
माफिया तत्वों का रामनाम सत्य करने का काम किया गया
मुख्यमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम की भूमि और स्वाधीनता सेनानी राजा बलभद्र सिंह की पावन भूमि को कोटि-कोटि नमन करते हुए उपस्थित जनसमूह को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज के दिन त्रेतायुग और सतयुग की शुरुआत हुई थी।
सीएम योगी ने कहा कि पिछली बार विधानसभा चुनाव में आया था, तब आपने आशीर्वाद दिया और सुरेश्वर सिंह महसी से विधायक बने और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश सरकार ने अयोध्या में न केवल रामलला का भव्य मंदिर बनवाया, बल्कि अराजकता फैलाने वाले माफिया तत्वों का रामनाम सत्य करने का काम भी किया गया।
जो भावनाओं का सम्मान करे, उसे बार-बार चुनें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सरकार आपकी भावनाओं का सम्मान करती हो, आपके हितों का संरक्षण करती हो, विकास के कार्यों के साथ जोड़ती हो, उसे बार-बार चुनना चाहिए। इससे वर्तमान तो सुधरता ही है, भविष्य के लिए भी नये-नये अवसर पैदा होते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने विकसित भारत की संकल्पना को साकार होते देखा है। 10 साल पहले आतंकवाद, नक्सलवाद की समस्या के साथ ही विकास में भ्रष्टाचार, योजनाओं में डकैती होती थी। गरीब भूख से मरता था। नौजवान पलायन करता था। बेटी और व्यापारी सुरक्षित नहीं थे। दंगे होते थे और कर्फ्यू लगता था।
अयोध्या, बनारस, लखनऊ, कचहरियों, सीआरपीएफ कैंप पर हमला होता था।
45 साल तक लटकी रही सरजू नहर परियोजना
सीएम योगी ने बताया कि 1972 में तत्कालीन सरकार ने सरयू नहर परियोजना शुरू की थी, जो 45 साल तक लटकी रही। 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार आई उसके बाद सरयू नहर परियोजना को पूरा किया गया। इसके बाद 14 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए सरयू नदी का पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें केवल योजनाएं बनाते थे और उसके पैसों का बंदरबांट करते थे।
Author: samachar
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