दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर हार जीत से ज्यादा उम्मीदवार के नाम की चर्चा चल रही है उसमें रायबरेली और अमेठी के बाद कैसरगंज सीट भी शमिल हो गई है।
कैसरगंज सीट (Kaisarganj Loksabha) किसको टिकट मिलेगा, इस पर अभी तक ना ही भारतीय जनता पार्टी निर्णय ले पाई है और ना ही समाजवादी पार्टी किसी कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतार सकी है। इसको लेकर दोनों दलों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वहीं सूत्रों की माने तो इस सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Singh) का टिकट कट सकता है। इसके पीछे हरियाणा चुनाव से पहले कैसरगंज सीट का चुनाव होना बताया जा रहा है। उधर टिकट कटने पर बीजेपी को क्षत्रिय विरोध भारी पड़ सकता है।
दरअसल देश के जाने माने पहलवानों के गंभीर आरोपों को झेल रहे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
पहले उन्हें कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा और अब उनके टिकट पर तलवार लटक गई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट सकती है। क्योंकि बृज भूषण शरण सिंह को टिकट देकर बीजेपी हरियाणा में चुनाव नहीं हारना चाहती है।
हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें आती है। बृजभूषण शरण सिंह का सबसे ज्यादा हरियाणा में ही विरोध है। ऐसे में बृजभूषण को टिकट देकर बीजेपी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
वहीं हरियाणा की सभी 10 सीटों पर एक चरण में ही चुनाव होना है। सभी सीटों पर छठे चरण यानी 25 मई को वोटिंग होगी।
जबकि गोंडा की कैसरगंज सीट पर पांचवें चरण यानी 20 मई को वोटिंग होनी है। जानकर बताते हैं कि हरियाणा से एक चरण पहले कैसरगंज सीट पर वोटिंग होने का सबसे ज्यादा नुकसान बृजभूषण शरण सिंह को होने जा रहा है।
इस स्थिति में बीजेपी बृजभूषण को टिकट देकर हरियाणा की 10 सीट नहीं खोना चाहती है।
हालांकि इस समय हो रहा क्षत्रिय विरोध बृज भूषण शरण सिंह के पक्ष में हवा बना सकता है। ऐसा भी संभव हो सकता है कि बीजेपी क्षत्रिय विरोध बढ़ने के डर से इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह को टिकट दे दें।
Author: samachar
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