नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर गोंडा। सोशल मीडिया पर एक लकवाग्रस्त वृद्ध महिला के मदद की अपील का जिलाधिकारी ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने एसडीएम, पीडी डीआरडीए और बीडीओ को मौके पर भेजा। एकाएक गांव में गरीब के घर अधिकारियों की फौज पहुंचने पर पूरा गांव आश्चर्य में पड़ गया। लेकिन ग्रामीणों को जब पता चला कि उनकी सोशल मीडिया पर की गई अपील को डीएम ने संज्ञान में लेते हुए अधिकारियों को गरीब महिला की मदद के लिए भेजा है। पूरा गांव डीएम के इस कदम की प्रशंसा करने लगा।
बलरामपुर जिले में सोशल मीडिया पर लकवा ग्रस्त वृद्ध मां और विक्षिप्त बेटे की यथा संभव मदद करने की अपील को डीएम के संज्ञान लेने के बाद अब अधिकारी के संवेदनशीलता की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।
जिले के थाना ललिया के गांव इलायची नगर निवासिनी 70 वर्षीय गायत्री उर्फ सावित्री का है। जो लकवा बीमारी से ग्रसित है। उनका इकलौता पुत्र अनिल मानसिक रूप से विक्षिप्त और बीमार है।
सोशल मीडिया पर मदद करने की अपील की गई थी। मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम ने एसडीएम सदर राजेंद्र बहादुर, पीडी डीआरडीए सीपी श्रीवास्तव और बीडीओ को मौके पर भेजा। पीड़ित की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए। एसडीम सदर राजेंद्र बहादुर को निर्देशित किया। कि वे वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 जिसमे बुजुर्गों के कल्याण वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल पोषण, आश्रय सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों की पहचान की गई है। जिसके तहत बतौर न्यायिक मजिस्ट्रेट वाद योजित कर न्याय दिलाए।
दरअसल डीएम को सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि पीड़िता गायत्री के पति सच्चिदानंद की मृत्यु 6 माह पूर्व हो चुकी है। वह बेहद गरीबी से गुजर रही है। उसके घर में खाने के लिए अन्न, पहनने के कपड़े और रहने के लिए कोई प्रबंध नहीं है।
पीड़िता को वृद्धावस्था पेंशन का भी लाभ नहीं मिल रहा है। इस पर डीएम ने पीडी डीआरडीए को जांच कर पीड़िता को आवास, पेंशन, खाद्यान्न सहित अन्य प्रबंध तत्काल करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी के संवेदनशील कदम पर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का आभार जताया है। वही वृद्धा गायत्री ने डीएम को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
Author: samachar
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