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हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
रायगढ़। वर्ष 2024 का चेट्री चंड्र महोत्सव अपनी पूरी गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस बार एक ओर जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राष्ट्रीय सिंधी मंच (रजि ) महिला विंग रायगढ़ की प्रस्तुति “सिंधी लाडा’ ने धूम मचाई वहीं दूसरी ओर विशाल शोभा यात्रा में समाज की समस्त महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने शोभायात्रा की गरिमा में चार चांद लगा दिये ।
शोभायात्रा में नयनाभिराम झांकियों ने सबका मन मोह लिया । भगवान श्री झूलेलाल जी की झांकी में इस बार रथ पर सवार श्री झूलेलाल जी के जीवंत स्वरूप को पारस मोटवानी ने निभाया वहीं अशोक चेतवानी ने अमर शहीद भक्त कंवर राम साहिब के किरदार को बखूबी निभाया ।
सिंधी लाडा में बताया गया कि पूर्व में विवाह उत्सव या अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के दौरान सिंधी लोकगीतों का प्रचलन न केवल उसके आनंद को दुगना करता था बल्कि इन लोकगीतों में समाज के लिए संदेश, रिश्तो की डोरियों को बांधे रखने के लिए विभिन्न रिश्तो के बीच मीठी-मीठी छेड़छाड़, विवाह कार्यक्रम के आनंद को वर्षों तक यादगार पलों के रूप में अंकित करती थी जो वर्तमान में लुप्त हो रही है ।
पंद्रह दिनों के ये कार्यक्रम अब दो घंटे के डांस ईवेंट में बदल गए हैं अतः इसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है ।
इस कार्यक्रम की प्रस्तुति की संकल्पना हीरा मोटवानी द्वारा की गई जबकि कार्यक्रम में राष्ट्रीय सिंधी मंच की छत्तीसगढ़ महिला प्रभारी पूनम मोटवानी, परी कटारे, मुस्कान जग्यासी, पूजा चेतवानी, वैशाली बत्रा, अंजू कटारे, प्रीति मेहानी ,आदित्य मेहानी और पूर्वी ने अपना किरदार निभाया ।
इस बार मेघावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया जिसमें गौरव हेमानी, तनिष्का पंजाबी, अंजलि लालवानी, सुरभि मोटवानी, हर्षिता रोहरा, गर्विता बसंतानी और खुशी भोजवानी शामिल रहे ।
विशिष्ट समाजसेवाके क्षेत्र में सर्वश्री नंदलाल मोटवानी विष्णु मेहानी और कैलाश कुकरेजा को सम्मानित किया गया जबकि रक्तदान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए बंटी छंगानी ,लकी चौधरी, आशीष रोहरा, विक्की छंगानी ,करण अंबवानी विकास रोहरा और अर्जुन नानकानी तथा दो महिला रक्तदाता मीना पुरुषवानी और ममता तलरेजा को सम्मानित किया गया।
समिति के अध्यक्ष देव हिंदूजा ने समाज के सभी सदस्यों के प्रति पुलिस व प्रशासन एवं अन्य सहयोगी मित्रों के प्रति आभार प्रकट किया है ।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."
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