आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा। इस युग में जब किसी इंसान के दिलो दिमाग पर “अकूत दौलत” कमाने की हवश सवार हो जाये और शासन प्रशासन के सारे मोहरे अपनी जेब में हों तो फिर उसे शासन प्रशासन का कोई भी खौफ नहीं रहता क्योंकि उसे शायद पता है कि इस युग में दौलत ही एक ऐसा हथियार है जिसकी चमक के सामने हरचीज बिकाऊ है।
यदि कहीं राजनीति का दामन थामते हुये लोगों को गुमराह कर कुर्सी हथिया ली तो फिर कहना ही क्या❓ इनके दोनों हाथों में लड्डू नहीं बल्कि इनके चारों तरफ लड्डुओं के ढ़ेर नजर आते हैं। भले ही दलाली के ही क्यों ना हो फिर इसकी चकाचौंध में धूमिल हो जाते हैं।
इनके “इंसानी संस्कार”, “ईमानदारी” तथा “भय” सत्ता की कुर्सी की हनक में बेखौफ वह सारे अवैध काम किये जाते हैं जिनके माध्यम से अवैध कमाई भी हो और चेहरे पर नकाब भी लगा रहे। अब वह चाहे राजनेता हो, मंत्री हो ,सांसद हो, विधायक हो अथवा इनका दलाल, अपने पद की गरिमा को तार तार करते ये बहुरुपिया एक तरफ जनता के बीच अपने आपको जनहितैषी, विकास पुरुष ना जाने किन-किन अवतारों में पेश करते हैं! जबकि इन्ही के बंद कमरे में काली कमाई की शतरंज बिछाई जाती है जिसमें मात खाते हैं वह सभी जो इनके अवैध कारनामों का विरोध करते हैं। भले ही वह प्रसाशनिक कर्मचारी हो अथवा आम नागरिक। इनके दलाल रुपी दानवों की शह पर हर वह सख्श कुचला जाता है जो इनकी गुलामी से इंकार करे और ऐसा हो भी क्यों ना, क्योंकि उन्हें पता है की सैंया है कोतवाल तो अब डर—-!
कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला बांदा जनपद की कोतवाली नरैनी के थाना गिरवां क्षेत्र में बेखौफ संचालित बरियारी (मानपुर) बालू खदान में जहाँ पर बेखौफ अवैध खनन, ओवरलोडिंग तथा एनजीटी के नियमों का मजाक बनाते हुये सरेआम मनमानी की जा रही। वहीं आज एक बड़ा हादसा भी हो गया।
इस बालू खदान में एक डग्गी चालक ने नवयुवक को ही रौंद दिया जिससे युवक की मौके पर ही मौत हो गयी। सूत्र बताते हैं कि माननीयों की कर्मस्थली बनी बरियारी मानपुर बालू खदान का मामला होने के चलते इस हृदयविदारक घटना के होने से जिले के समस्त जिम्मेदार प्रशासनिक महकमे की सांसे गले में ही अटकी हुयी है जिससे इस मामले को हर प्रकार से रफा रफा दफा करने में सारे लोग जी तोड़ मेहनत करने में जुटे हुये हैं।
किन्तु वाह री सत्ता की हनक, तेरे दम पर आज जहाँ एक नवयुवक असमय ही इस दुनियाँ से सदा के लिये विदा हो गया वहीं परिजनों का सहारा भी हमेशा के लिये खत्म हो गया। खैर आगे देखिये पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है अथवा नहीं? जबकि अपने घर के चिराग की इस हालत में हुयी मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है आगे परिणाम क्या निकलता है बस यही देखना बाकी है!!
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."