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November 1, 2024 3:08 pm

पत्नी से झगडकर पति कूद गया गहरे कुएँ में… ‘सावित्री’ बन पति को बाहर खींच लाई बुंदेली

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां घरेलू विवाद के बाद पति ने कुएं में छलांग लगा दी। पति के कुएं में कूदते ही उसकी पत्नी भी कुएं में उतर गई और अपने पति को मौत के मुंह से खींच लाई। लगभग 40 फीट गहरे कुएं में गिरे पति को पत्नी ने ग्रामीणों की मदद से नीचे उतरकर साड़ी से बांधा और ग्रामीणों ने उसे खींचकर बाहर निकाला, जिसके बाद गंभीर रूप से घायल पति को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। 

मामला कुरारा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव के मजरा परसी डेरा का है। यहां के रहने वाले 35 वर्षीय हंसकुमार का बुधवार सुबह अपनी पत्नी गुड्डो से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि पति हंस कुमार ने जान देने के लिए गांव के सूखे कुएं में छलांग लगा दी। ग्रामीणों ने हंसकुमार को कूदते हुए देखा तो शोर मचाया। कुएं के पास देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई, लेकीन किसी ने भी कुएं में उतरने की जहमत नहीं उठाई। यह देख हंसकुमार की पत्नी गुड्डो ने कुएं में उतरने का फैसला किया और पति को साड़ी से बांधकर ऊपर निकाला। 

कुएं में कोई भी उतरने को नहीं हुआ तैयार

40 फीट गहरे कुएं में गिरे हंसकुमार को बचाने के लिए कोई ग्रामीण नीचे उतरने को तैयार नहीं था। ग्रामीण रमेश की मानें तो कुएं में सालों से पानी नहीं है। कुआ पूरी तरह से सूख चुका है। गांव वालों को डर था कि कहीं कुएं में जहरीली गैस का रिसाव न हो, जिससे उनकी भी जान पर बन आए। इसी डर से जब कोई ग्रामीण कुएं में नहीं उतरा तो पति की जान बचाने को पत्नी गुड्डो कमर में रस्सी बांधकर कुएं में उतर गई। गुड्डो ने घायल पड़े पति की कमर में साड़ी बांधी, जिसके बाद ऊपर खड़े ग्रामीणों ने धीरे-धीरे हंसराज को खींच लिया और उसकी जिंदगी बच गई। 

पत्नी की बहादुरी के कायल हुए लोग, पुलिस पहुंची लेट

हंसकुमार के कुएं में गिरने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को इस मामले के जानकारी दी, लेकीन वो भी समय से नहीं आई। कोई ग्रामीण भी अपनी जिंदगी दांव पर लगाने को तैयार नहीं था। अपने पति को कुएं में मरता देखा कर पत्नी गुड्डो ने खुद हिम्मत बांधी और कुएं में उतर गई।

पत्नी गुड्डो की मानें तो विवाद तो हर घर में होता है, लेकीन पति भगवान होता है। ऐसे में उसे बचाना पत्नी का धर्म है। इस घटना में हो सकता था कि हंसराज की जान भी चली जाती, लेकीन आखिर में गुड्डो ने अपने पति की जान बचा ही ली। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."