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6 February 2025 9:22 am

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माफियाओं के राज में अधिकारियों की मौज ; रात के अंधेरे में खनन माफियाओं के चमकते सिक्कों ने बंद कर रखी है अधिकारियों की आंखें 

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट 

बांदा जिले के खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि कार्रवाई होने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है…धड़ल्ले से प्रशासन को अंगूठा दिखाते हुए खनन करने में जुटे हुए है..जिसके एवज में माफियाओं को भारी नुकसान भी झेलना पड़ रहा है..लेकिन जिले के अधिकारी एसे माफियाओं से सांठ-गांठ कर माफियाओं को सह देने का कार्य कर रहे हैं.. 

सीमावर्ती मध्य प्रदेश के बालू माफिया असलहों के बलबूते खौफ पैदा करके बिल्हरका, नेढ़ुवा, बड़ैछा, रेहुंची आदि गांवों में केन नदी से अवैध खनन कर रहे हैं। यहां की 14 ग्राम पंचायतों और 24 मजरों में इन असलहाधारियों की तूती बोल रही है। बालू ठेकेदारों के असलहाधारी गुर्गे शाम से ही पुलिस चौकी क्षेत्र में लग्जरी वाहनों में धमाचौकड़ी शुरू कर देते हैं।

मध्य प्रदेश के दबंग यूपी इलाके में खौफ फैला लोगों को अवैध बालू कारोबार का विरोध न करने को मजबूर कर रहे हैं। 

एमपी के ग्वालियर, सतना, इंदौर, छतरपुर, भोपाल आदि के बालू माफिया की रोजाना चहलकदमी चल रही है। किसानों ने बताया कि उन्हें नदी के रास्ते में पंप सेट या बैलगाड़ी खड़ी करने पर भी रोक लगा दी है। 

ताजा तस्वीरें एक बार फिर मटौन्ध थाना अंतर्गत मरौली बालू खदान खंड संख्या 5 से सामने आई हैं जहां रात के अंधेरे में प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों से अवैध खनन किया जा रहा है। जबकि किसी भी दशा में रात के अंधेरे में खनन नहीं होना चाहिए क्यों की जलीय जीवों को नुकसान पहुंचता है साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है।

रात में खनन करने के लिए दिन जैसा उजाला होना चाहिए पर किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा, वहीं खदान में जो सीसी टीवी कैमरे लगे हैं वह भी शो पीस के लिए लगे हैं क्योंकि रात के अंधेरे में यहां ओवरलोड परिवहन भी किया जा रहा है जो कि अवैध है। 

संभव यह भी है कि यहां से बिना रवन्ने के ट्रक निकाले जा रहे हों जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो सकता है। इस खदान में शुरुआती दौर पर ही अवैध परिवहन करते ट्रक पकड़े गए थे और एक बार अवैध खनन पर जुर्माना भी लग चुका है पर उसके बाद से इन खदान संचालकों ने प्रशासन से ऐसी सेटिंग बैठाई कि लगातार अवैध खनन और परिवहन की तस्वीरें सामने आने के बाद भी प्रशासन मौन बैठा है। मानों प्रशासन ने आंखों में पट्टी बांध रखी हो।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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