आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सासंद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। काफी समय से उनकी तबियत नासाज चल रही थी। दिल्ली के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रहमान लोकसभा में सबसे बुजुर्ग नेता थे।
उन्होंने 94 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली और दुनिया से रुख्सत हो गए।
सियासत को इबादत कहने वाले डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क मुस्लिम समुदाय के बड़े नेताओं में शुमार थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल सीट से उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। सपा की पहली लिस्ट में उनका नाम शामिल था। रहमान मौजूदा समय में भी संभल से ही सांसद थे। वो उन नेताओं में शुमार थे जिन्होंने हर मुद्दे पर खुलकर अपनी आवाज उठाई।
अखिलेश ने दी श्रद्धांजलि
शफीकुर्रहमान बर्क के निधन पर समाजवादी पार्टी ने भी दुख जाहिर किया है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल हो गया है जिससे अत्यंत दु:खद पहुंचा है। अखिलेश ने रहमान की आत्मा की शांति की कामना की साथ ही परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।
संभल में हुआ था जन्म
डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी संभल से ही हुई। इसके बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से बीए किया। रहमान ने साल 1974 में बीकेडी के टिकट पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वो साल 1977 में जनता पार्टी, 1985 में लोकदल और 1989 में जनता दल से भी विधायक रहे। साल 1996 में सपा के टिकट पर उन्होंने पहली बार मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2004 तक वो लगातार सपा के टिकट पर सांसद रहे। इसके बाद उन्होंने सपा से अलग होने का फैसला किया और बीएसपी में शामिल हो गए। रहमान ने न सिर्फ पार्टी बदली बल्कि अपनी सीट भी बदली और संभल से साल 2009 में चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की।
चार बार विधायक, पांच बार सांसद बने
2014 के चुनाव में उन्हेंने हार का सामना करना पड़ा। 2019 में सपा और बसपा के गठबंधन में वो एक बार फिर से सासंद बने। इसके बाद वो समाजवादी पार्टी में वापस आ गए। रहमान ने अपने राजनीतिक सफर में 10 विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें चार चुनाव में उन्हें जीत मिली और वो चार बार विधायक बने। इसके अलावा वो एक बार यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने थे। वहीं वो 5 बार सासंद भी रहे। रहमान तीन बार मुरादाबाद और दो बार संभल लोकसभा सीट से सांसद रहे. 1996, 19898 और 2004 में मुरादाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे थे, वहीं साल 2009 में बसपा से और 2019 में संभल लोकसभा सीट पर सपा से सांसद रहे। 17वीं लोकसभा में वो सबसे बुजुर्ग सांसद थे।
पीएम मोदी ने की थी तारीफ
उम्र के इस पड़ाव में भी रहमान राजनीति में सक्रिय थे। यही वजह है कि पीएम मोदी ने भी नई लोकसभा में उनकी मौजदूगी की तारीफ की थी। पीएम ने कहा था कि 93 साल की उम्र के बावजूद भी डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क सदन में मौजूद हैं सदन के प्रति ऐसी निष्ठा होनी चाहिए।
KBC में पूछा गया था सवाल
उनकी उम्र और राजनीति में उनकी सक्रियता अक्सर लोगों के लिए चर्चा का विषय रही है। टीवी सारियल कौन बनेगा करोड़पति में भी उनको लेकर सवाल किया गया था। सीरियलस के होस्ट अमिताभ बच्चन ने एक कन्टेस्टेंट से पूछा था कि सबसे ज्यादा उम्र के सांसद कौन हैं उनका क्या नाम है।
बयानों के लेकर रहे सुर्खियों में
डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क अपने बयानों को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रहते थे। उन्होंने संसद में वंदे मातरम का विरोध किया था। जिसको लेकर काफी बवाल भी मचा था। इसके साथ ही उन्होंने इजराइल और फिलिस्ताीन के बीच चल रहे तनाव में खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन किया था।
Author: samachar
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