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November 22, 2024 11:22 pm

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जंगल में सैकड़ों की संख्या में बिछी हुई गौवंशों की लाश… .आखिर कहाँ से आई? पूरी खबर पढिए

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सुहानी परिहार की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक हैरत में डालने वाला नजारा देखने में आया है। करैरा तहसील के सिल्लरपुर गांव में सैकड़ों गायों के शव जंगल में पड़े हैं। कुछ गायें जिंदा भी हैं। 

ये गायें शिवपुरी-झांसी राजमार्ग से महज 500 मीटर को दूरी पर आरक्षित वन भूमि पर पड़ी हैं। इतनी बड़ी संख्या मृत गायें देखकर ग्रामवासी हैरान परेशान हैं। इतनी ज्यादा संख्या में गायें कहां से आईं? कैसे आईं? किसी को कानों कान खबर नहीं लगी। 

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि गायें शहरी क्षेत्र से डंपरों में लाकर रात के समय गांव में पटकी गई हैं। उत्तर प्रदेश का झांसी जिला यहां से नजदीक है, इसलिए आशंका है कि गायें वहीं से लाई गई हैं। 

सिल्लरपुर गांव के सरपंच अरविंद लोधी का कहना है कि 400-500 गायें मौके पर पड़ी हैं। प्रशासन को कोई चिंता नहीं है, जबकि उसे खबर दे दी गई है। हालांकि, गायें कहां से लाई गई हैं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

गौ-माता के सम्मान के लिए महत्वपूर्ण फैसले शीघ्र :CM यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले मंत्रीगण से चर्चा में कहा कि प्रदेश में गौ-माता के सम्मान के लिए शीघ्र ही कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने हैं। 

डॉ. यादव ने कहा कि अक्सर वर्षा काल में प्रमुख सड़कों और राजमार्गों पर गौ-माता के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें सामने आती हैं। कई बार गौ-माता इन दुर्घटनाओं का शिकार होकर मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं, इसलिए ऐसी व्यवस्था आवश्यक है कि गौ-माता सड़कों पर न दिखें और उन्हें गौशालाओं अथवा सुरक्षित स्थानों में स्थान मिले। 

इसके अलावा गौशालाओं के लिए राशि और मानदेय वृद्धि का निर्णय लिया जाएगा। श्रेष्ठ प्रबंधन से गौ-माता के सम्मान में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। यदि गौ माता मृत्यु का शिकार होती है तो उनके सम्मानजनक दाह संस्कार की व्यवस्था होना चाहिए।

इस संबंध में ग्राम पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम का दायित्व निर्धारित किया जाएगा। गौ माता के अवशेष कहीं अपमानित न हों इसके लिए समाधि अथवा उनके दाह संस्कार के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा। 

मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा का मेजें थपथपाकर स्वागत किया।

मंत्रि- परिषद के सदस्यों ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी इस कार्य में लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने पशु पालन एवं डेयरी विभाग को इस संबंध में आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए ताकि वर्षाकाल के पूर्व व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें। पशु पालन मंत्री लखन पटेल ने कहा कि वे शीघ्र ही गौशाला संचालकों को बैठक में आमंत्रित कर सुझाव प्राप्त करेंगे। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पशु पालन विभाग द्वारा इसी माह यह बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगरों के महापौर और निकायों से जुड़े पदाधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल किए जाएं।

बैठक में गौ-शालाओं के बेहतर संचालन, गौ-पालकों द्वारा गौ-माता के स्वतंत्र विचरण पर अंकुश, पुलिस द्वारा सहयोग प्राप्त करने और केंद्र सरकार से इस संबंध में अधो संरचनात्मक कार्यों के लिए राशि प्राप्त करने पर भी चर्चा हुई। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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