इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के ऊपर रोजाना नए आरोप लग रहे हैं। अभी यौन उत्पीड़न के आरोपी 2 प्रोफेसर्स ने पूरे शहर में यूनिवर्सिटी की किरकिरी कराई। इसके बाद अब मैथ्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर पर शोध छात्रों को धमकाने और छात्रा को जबरिया अपने कमरे में बैठने का आरोप विभाग के ही एक दूसरे शिक्षक ने लगाया है। साथ ही उन्होंने कूट रचना करते हुए एक अयोग्य व्यक्ति को सुपरवाइजर बनाने और धर्मान्तरण कराने वाली संस्था से संबंधों की बात अपने शिकायती पत्र में लिखी है।
शिक्षक ने आरोप लगाया है कि आरोपी प्रोफेसर नियमों को दरकिनार कर छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी से कॉलेज और कॉलेज से यूनिवर्सिटी भेजकर अनियमितता फैलाते हैं।
उन्होंने बताया कि वह खुलेआम शोधार्थियों को धमकी देते हैं, ‘तुम्हारे सुपरवाइजर का कोई मतलब नहीं है। जब तक मैं नहीं चाहूंगा तुम लोगों को डिग्री नहीं मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि वह स्टूडेंट्स को मानसिक तौर पर परेशान करते हैं।
आरोपों को निराधार बताया
हालांकि, प्रोफेसर सुधीर श्रीवास्तव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि मैंने आज तक कोई अनियमितता नहीं बरती है।
रिसर्च स्कॉलर के बारे में उन्होंने बताया कि वह STUP के मेजर प्रोजेक्ट में JRA हैं। अप्रैल तक उनका कार्यकाल बचा हुआ है। छात्रा के रिसर्च पेपर के लिए मैं गाइडेंस देता हूं। अगर यूनिवर्सिटी की ओर से कोई पत्राचार होता है तो मैं अपना पक्ष रखूंगा। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता शिक्षक के खिलाफ भी लीगल एक्शन लेंगे।
अयोग्य व्यक्ति को बना दिया को-सुपरवाइज़र
दरअसल, यूनिवर्सिटी के गणित व सांख्यिकी विभाग के टीचर डॉ. राजेश पाण्डेय ने कार्य परिषद की अध्यक्ष VC प्रोफेसर पूनम टंडन को पत्र लिखकर आरोप लगाया, कि विभाग के प्रोफेसर सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने बिना रिसर्च कमेटी की मीटिंग किए और कार्य परिषद के अध्यक्ष को अंधेरे में रखते हुए एक अयोग्य व्यक्ति डॉ. शिबेश कुमार जा पैसिफ को, को-सुपरवाइजर बना दिया। जो किसी संस्थान में काम नहीं करते हैं।
उन्होंने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि पैसिफ, उड़ीसा के सागरा संबलपुर में पैसिफ इंसीट्यूट ऑफ कास्मोलॉजी एंड शेल्फोलॉजी बनाकर बड़े पैमाने पर आदिवासी जनजाति के लोगों का धर्मांतरण कर ईसाई बनाते हैं। उन्होंने पैसिफ और प्रोफेसर सुधीर के बीच संबंधों पर सवाल उठाए हैं।
छात्रा को जबरिया कमरे में बैठाते हैं प्रोफेसर
डॉ. राजेश का आरोप है कि उनके सुपरविजन में शोध कर रही एक छात्रा को प्रोफेसर सुधीर जबरिया अपने कमरे में बैठाते हैं। उन्होंने कहा कि एकेडमिक ऑडिट रिपोर्ट में, मैं ही छात्रा का सुपरवाइजर हूं। HOD ने भी मुझे ही उसके सुपरविजन का जिम्मा दिया है। लेकिन 31 जनवरी को सिनोपिंसस प्रजेंटेशन में निर्धारित टॉपिक, सुपरवाइजर का नाम नहीं लिखा गया। इस कूट रचना में प्रोफेसर सुधीर की भूमिका संदिग्ध है। डॉ. राजेश ने अपने शिकायत पत्र में विधि विरूद्ध प्रोजेक्ट टॉपिक के सुपरवाइजर को नजरअंदाज करने और जबरन शीर्षक बदलने का आरोप भी लगाया है।डॉ. राजेश का आरोप है कि विभाग में MSC गणित के छात्र-छात्रा अगर अपनी सुविधा के अनुसार ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव करते हैं, तो प्रो सुधीर उन्हें डरा-धमका कर दूसरे सब्जेक्ट चुनने का दबाव बनाते हैं। इससे विभाग के स्टूडेंट्स पर मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई सारे स्टूडेंट्स निराश होकर दूसरे संस्थानों में जा रहे हैं।
प्रोफेसर के व्यवहार से दहशत
डॉ. राजेश ने कहा कि प्रोफेसर सुधीर विभाग के कई शिक्षकों और शोध छात्रों से अमर्यादित व्यवहार करते हैं। इससे यहां लोग मानसिक दबाव में हैं।
उन्होंने VC को पत्र लिखकर आरोपी प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग किया है। VC प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."