इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ जनपद में पिछले पांच सालों के अंदर बड़ी कार्रवाई हुई है। 75 से अधिक शिक्षकों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। हालांकि, अब तक विभाग किसी के वेतन की रिकवरी नहीं कर पाया है।
शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े को लेकर जिला शासन की रडार पर रहा रहा है। बड़े पैमाने पर यहां पूर्व में तैनात रहे बीएसए और कर्मचारियों की मिलीभगत से कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां दी गई हैं।
सरकार जब इस पर सख्त हुई और मामला जब एसटीएफ को सौंपा गया तो जिले में जमकर किया गया फर्जीवाड़ा सामने आया।
एसटीएफ की जांच में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों के प्रमाणपत्र कूटरचित ढंग से तैयार किए गए पाए गए। पिछले पांच सालों के एसटीएफ की जांच एवं विभागीय सत्यापन में 75 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। इनके विरुद्ध बीईओ की ओर से जिले के अलग-अलग थानों में केस दर्ज कराया गया है।
इनमें से कुछ जमानत पर बाहर आ गए हैं तो कुछ ने हाईकोर्ट में बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका दायर कर रखी है। ऐसे शिक्षकों को विभाग की ओर से वेतन के मद में 30 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है।
पिछले वर्ष विभाग ने जिले के अलग-अलग तहसील क्षेत्रों के 48 शिक्षकों से वेतन की वसूली के लिए पत्राचार किया था। इसके बाद भी बर्खास्त शिक्षकों ने पैसा वापस नहीं किया। पिछले माह बेसिक शिक्षा कार्यालय की ओर से इनके खिलाफ आरसी जारी की गई है। सभी शिक्षकों की सूची उनके तहसील में भेजा गई है।
अन्य जिलों में भी मिले थे जिले के फर्जी शिक्षक
पिछले पांच वर्ष के अंदर प्रदेश के विभिन्न जिलों में फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। इनमें भी जिले के निवासी शिक्षक अधिक मिले थे। सिद्धार्थनगर जनपद में इनकी संख्या सर्वाधिक रही थी। भाटपाररानी निवासी एक फर्जी शिक्षक ने खुद के अलावा यहां के कई शिक्षकों की नियुक्ति अन्य जिलों में कराई थी। एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार भी किया था।
कोट एसटीएफ ने भलुअनी क्षेत्र के एक शिक्षक को उठाया है। उसे विभाग ने निलंबित कर दिया है। इसी क्षेत्र के एक और शिक्षक को संदिग्ध पाए जाने पर सोमवार को निलंबित कर दिया गया था। दोनों के खिलाफ विभागीय स्तर पर भी जांच जारी है। जिले में जो भी संदिग्ध शिक्षक हैं। शिकायत के बाद जांच प्रक्रिया जारी है।
संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय से इनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी कराया जा रहा है। जो शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं, उनके विरुद्ध संबंधित थानों में केस भी दर्ज कराया गया है। मुकदमा दर्ज कराने के बाद वेतन मद के रुपये के लिए इनसे पत्राचार भी किया गया था। भुगतान नहीं किए जाने पर जनवरी माह में 48 के खिलाफ आरसी जारी हुई थी।
–शालिनी श्रीवास्तव, बीएसए
Author: samachar
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