आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
यूपी से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है। खबर है कि जयंत ने बीजेपी के साथ की डील पक्की कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी जयंत की पार्टी आरएलडी को चार से पांच सीटें दे सकती हैं।
इसमें बागपत, मथुरा, अमरोहा, कैराना जैसी सीटें शामिल हैं। अगर ये डील पक्की हो जाती है तो यूपी में इसे विपक्ष के लिए सबसे बड़ा सियासी झटका माना जाएगा।
क्या सही में हो जाएगा खेल?
बताया जा रहा है कि जयंत चौधरी पहले समाजवादी पार्टी के साथ ही जाने वाले थे। उनकी बैठक भी हो चुकी थी, लेकिन क्योंकि सपा द्वारा एक बार भी सीटों को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया, पेंच फंस गया और अब ‘छोटे चौधरी’ ने बीजेपी के साथ जाने का मन बना लिया है। अभी तक इसे लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन पार्टी के ही कुछ नेता बता रहे हैं कि संकेत साफ है कि जयंत बीजेपी के साथ जा सकते हैं।
यूपी क्यों इतनी जरूरी?
वैसे इससे पहले भी बीजेपी के साथ आरएलडी का गठबंधन हो चुका है, लेकिन वो कई साल पुरानी बात है, वर्तमान में लंबे समय से उसकी राहें अलग ही चल रही थीं। बीते कुछ सालों में तो अखिलेश और जयंत चौधरी की नजदीकियां जरूर बढ़ी थीं और इसी वजह से पहले 2022 का विधानसभा चुनाव भी साथ ही लड़ा गया था और इस बार का लोकसभा चुनाव भी लड़ने की तैयारी थी। लेकिन यूपी में माना जा रहा है कि अब इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगने वाला है। यहां से लोकसभा की 80 सीटें निकलती हैं, पिछली बार बीजेपी ने 62 जीती थीं, इस बार 80 की 80 का टारगेट रखा हुआ है, उस स्थिति में अगर जयंत साथ आते हैं तो पार्टी की जमीन पर स्थिति का और मजबूत होना लाजिमी है।
विपक्ष को डबल झटका
यहां ये समझना जरूरी है कि इंडिया गठबंधन को कुछ दिन पहले ही बिहार और पश्चिम बंगाल में भी झटका लगा था। एक तरफ बिहार में तो नीतीश कुमार ने पाला बदलने का काम कर दिया तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से ही मना कर दिया। उस बीच अगर अब यूपी मे भी डील बिगड़ जाती है तो ये बीजेपी के लिए किसी बड़ी संजीवनी से कम नहीं।
Author: samachar
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