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December 5, 2024 8:00 am

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‘जो राम को लाए हैं, हम उनके लिए भारत रत्न लाए हैं’ ; कराची का लाडला अब ‘भारत’ का ‘रत्न’ – लालकृष्ण आडवाणी

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

Lal Krishna Advani : बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इसकी घोषणा की। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे ये जानकारी साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही कि लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। जैसे ही पीएम मोदी ने आडवाणी को भारत रत्न देने की जानकारी शेयर की, सोशल मीडिया पर लाल कृष्ण आडवाणी नाम ट्रेंड होने लगा। अब बड़ी सख्या में लोगों के इस पर रिएक्शन आ रहे हैं।

भाजपा के वर‍िष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न प्रदान किए जाने की घोषणा पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें बधाई दी है। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी बधाई दी है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य, असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत एवं देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री आदरणीय लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का निर्णय, उनके सार्वजनिक जीवन में दशकों की सेवा, प्रतिबद्धता और राष्ट्र की अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता तथा राजनैतिक जीवन में शुचिता व नैतिकता के उच्च मानक स्थापित करने वाले उनके अद्वितीय प्रयासों को सम्मान प्रदान करने वाला है।

राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में किए गए उनके अथक प्रयास हम सभी के लिए अद्वितीय प्रेरणा के स्रोत हैं। आदरणीय आडवाणी जी को हार्दिक बधाई।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दी बधाई

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के शिखर पुरुष, समर्पण, समन्वय, सिद्धान्त एवं सदाचरण के प्रतीक व हमारे प्रेरणास्रोत, भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को “भारत रत्न” दिये जाने का फैसला स्वागत योग्य एवं अभिनंदनीय है। आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी जी का समस्त प्रदेशवासियों की ओर से कोटि-कोटि आभार व्यक्त करता हूं।”

बता दें कि केंद्र सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने का एलान किया है। इससे पहले सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान किया था।

लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलने की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।

उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण

सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी की दशकों लंबी सेवा को पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया है, जिसने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है।’ मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।

Lal Krishna Advani: लाल कृष्ण आडवाणी। अब भारत के 50वें रत्न हो गए हैं। उम्र 96 साल। पाकिस्तान के कराची में जन्म लेकिन 1947 बंटवारे में सरहद से सटे राजस्थान की राजधानी जयपुर आ गए। 21 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय गोपाल जी का रास्ता से राजनीति का ककहरा सीखा और फिर कुछ दिन अलवर में नई अलख जगाई।

सेंट पैट्रिक में पढ़ाई के कारण अंग्रेजी दुरूस्त थी तो संघ ने दिल्ली में राजनीति कर रहे अटल बिहारी वाजपेयी की सहायता के लिए भेज दिया गया। यहीं से आडवाणी की राजनीतिक अंगड़ाई ने ऐसा स्वरूप धारण जिसने कांग्रेस के एकाधिकार को खत्म करने का काम किया। 90 के दशक में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को ऐसी हवा दी कि राजनीति की हवा बदल गई।

भारत की राजनीति में अटल-आडवाणी जोड़ी ने वो इतिहास लिखा जिससे भारतीय जनता पार्टी का परचम अब पूरे देश में लहरा रहा है। भाजपा की इमारत जिन ईंटों पर बुलंद है उसकी नींव में एक पत्थर आडवाणी के भी नाम है। भारत जिस समय अपनी आजादी का अमृत काल मना रहा है ठीक उतना ही समय लालकृष्ण आडवाणी को राजनीतिक जीवन में हो चुका है।

पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को तेवर की तासीर का नेता माना जाता रहा जो अपने कार्यकर्ताओं से कहता था कि मारक क्षमता जरूरी है 90 के दशक में सोमनाथ से अयोध्या की पहली रथयात्रा कि और फिर इसके बाद भाजपा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। भाजपा संपूर्ण प्रभुत्व के साथ मजबूती से खड़ी है।

सबसे अधिक समय तक भाजपा अध्यक्ष

लालकृष्ण आडवाणी सबसे अधिक तीन बार भाजपा अध्यक्ष रहे। 2005 में हुई पाकिस्तान यात्रा में पाकिस्तान संस्थापक जिन्ना को धर्म निरपेक्ष बताए जाने पर संघ के दबाव में आडवाणी को भाजपा अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और सात बार लोकसभा के सदस्य रहे। 1977 से 1979 तक पहली बार कैबिनेट मंत्री सूचना प्रसारण बने। 1999 में केन्द्रीय गृहमंत्री बने और फिर 29 जून 2002 को उप प्रधानमन्त्री पद का सौंपा गया।

कांग्रेस की आंधी में भी जीते

लोकसभा चुनाव 1985। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बहुत तेज सहानुभूति की लहर चल रही थी। इस लहर में भाजपा के करीब सभी दिग्गज नेता चुनाव हार गए। इस चुनाव में भी आडवाणी ने जीत दर्ज की थी। 2009 में लोकसभा चुनाव आडवाणी के नेतृत्व में लड़ा गया लेकिन इसमें पार्टी को जीत नहीं मिली।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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