आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बजट में रुचि रखते वाला लगभग हर भारतीय जानता था कि इस बार का अंतरिम बजट चुनावी ही होगा। हमारी वित्त मंत्री सीतारमण भी 8 हफ्ते पहले ही बोल चुकी थीं कि साल चुनावी है, तो बजट अंतरिम ही रहेगा। यानी असली बजट जून-जुलाई में नई सरकार की वित्त मंत्री पेश करेंगी या करेगा। तब जो भी वित्त मंत्री बने। फिर भी, बजट भाषण से लेकर बाद तक इसका पोस्टमार्टम करने वाले सभी लोगों ने अपनी बात जरूर रखी। नेताओं ने बयानों में अपनी फोटो चमकाई, तो इकनॉमिक मामलों के एक्सपर्ट रुपये और टैक्स की चीरफाड़ करते नज़र आए। दिनभर की उधड़-बुन में एक बात जो साफ हुई, वह थी लोकनीति की चाशनी में लिपटी अर्थव्यवस्था की, यानी बजट को ज्यादा फेरबदल किए बगैर परोसना, ताकि चुनाव निरपेक्ष हो सके।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अपना लगातार छठा बजट पेश किया। उन्होंने सिर्फ 56 मिनट में अपना बजट भाषण समाप्त कर दिया। यह उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। फिरोजी रंग की कढ़ाई वाली कांथा सिल्क साड़ी पहनकर सीतारमण संसद पहुंची थीं। भाषण के दौरान लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य उनकी घोषणाओं और टिप्पणियों पर बीच-बीच में मेजें थपथपाते देखे गए। जब उन्होंने कहा कि ‘हमारी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी’ तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सबसे ज्यादा देर तक मेजें थपथपाईं। विपक्षी सदस्यों ने भी वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरे ध्यान से सुना। हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार के सत्ता में लौटने संबंधी कथन पर विपक्ष की ओर से कुछ विरोध के सुर सुनाई दिए। इससे पहले आज 11 बजे बजट भाषण शुरू होने से पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा कक्ष में पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्रीराम’ और ‘जय सियाराम’ के नारे लगाए।
सीतारमण का सबसे छोटा बजट भाषण
सीतारमण का 56 मिनट का आज का बजट भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। सदन में सबसे लंबा बजट भाषण देने का श्रेय भी सीतारमण को जाता है। उन्होंने साल 2020 में दो घंटे 40 मिनट तक भाषण पढ़ा था।
भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में 2019 में सीतारमण का बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट तक चला था। साल 2021 में उन्होंने एक घंटा 50 मिनट तक बजट भाषण दिया। 2022 में उनका यह भाषण 92 मिनट का और 2023 में 87 मिनट का रहा।
सरकार ने अंतरिम बजट में बताया है कि उसके पास आने वाला हर एक रुपया कहां से आएगा और यह कहां जाएगा। इसके अनुसार, सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 63 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा। इसके अलावा 28 पैसा कर्ज और अन्य देयताओं, सात पैसे विनिवेश जैसे नॉन-टैक्स सोर्सेज से और एक पैसा गैर कर्ज पूंजी प्राप्तियों से आएगा। आम बजट 2024-25 के अनुसार, कुल मिलाकर 36 पैसे प्रत्यक्ष कर से आएंगे। इसमें कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आय कर शामिल है। इनकम टैक्स से 19 पैसे आएंगे। वहीं, कॉरपोरेट टैक्स से 17 पैसे आएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट पेश किया। इसके अनुसार, अप्रत्यक्ष करों में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से सबसे ज्यादा 18 पैसे आएंगे। इसके अलावा, सरकार हर रुपये में पांच पैसे उत्पाद शुल्क और चार पैसे सीमा शुल्क से हासिल करेगी।
अंतरिम बजट 2024-25 के अनुसार, उधार और अन्य देनदारियों से संग्रह 28 पैसे प्रति रुपया होगा। खर्च के मामले में ब्याज भुगतान और करों और शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी प्रत्येक रुपये के लिए 20 पैसे है। रक्षा क्षेत्र के लिए आठ पैसे प्रति रुपये आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च प्रत्येक रुपये में से 16 पैसे होगा। जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन आठ पैसे है।
वित्त आयोग और अन्य हस्तांतरण पर व्यय 8 पैसे है। वहीं सब्सिडी और पेंशन मद में व्यय 6 पैसे और 4 पैसे होगा। सरकार हर रुपये में से नौ पैसे ‘अन्य व्यय’ मद में खर्च करेगी।
Author: samachar
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