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November 23, 2024 7:03 am

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22 जनवरी के दिन मुस्लिम महिला ने दिया बच्चे को जन्म, घरवालों ने रखा ये नाम

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ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

यूपी के फिरोजाबाद में बहुत सारी प्रेग्नेंट महिलाओं ने 22 जनवरी यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन डिलीवरी की इच्छा जताई थी। इस बीच जिले के मेडिकल कॉलेज में मुस्लिम महिला फरजाना ने बेटे को जन्म दिया। 

जिसको लेकर नवजात की दादी हुस्न बानो ने कहा कि आज अयोध्या में राम जी विराजमान हो रहे हैं इसलिए हमने अपने बच्चे का नाम राम रहीम रखा है। 

बकौल हुस्न बानो- 22 जनवरी का दिन बहुत अच्छा है। राम का उत्सव मनाया जा रहा है। मेरी बहू ने अभी बेटे को जन्म दिया है। आज के दिन को देखते हुए हमने बेटे का नाम राम रहीम रखा है। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। 

फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में 22 जनवरी को अभी तक 12 बच्चों ने जन्म लिया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ नवीन जैन ने बताया कि आज के दिन जन्में सभी बच्चों को मेडिकल कॉलेज की तरफ से नए वस्त्र उपहार स्वरूप दिए जाएंगे। 11 से अधिक निजी नर्सिंग होम में कई बच्चों ने आज के दिन जन्म लिया है। 

संभल में बच्चे का नाम रखा ‘राम’

इससे पहले यूपी के संभल स्थित सरकारी अस्पताल में एक नवजात का जन्म हुआ तो उसके घरवालों ने बेटे का नाम ‘राम’ रख दिया। इतना ही नहीं पिता ने नवजात के गले में रामनामी पटका भी डाल दिया और उसके कानों में राम नाम का मंत्र भी फूंका। 22 जनवरी को बेटे के जन्म पर परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई है। 

गौरतलब है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन को सबसे शुभ मुहूर्त मानकर प्रेग्नेंट महिलाएं 22 जनवरी को डिलीवरी करवाना चाहती हैं। संभल के एक निजी अस्पताल में इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। अस्पताल का माहौल राम मय कर दिया गया है। डिलीवरी रूम और लेबर रूम में फूलों की सजावट करने के साथ ही राम दरबार भी स्थापित किया गया है। 

मालूम हो कि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में आज रामलला पधारने वाले हैं। यही वजह है कि पूरे देश में दिवाली जैसा माहौल है। हर कोई राममय हो चुका है। प्रभु श्रीराम की भक्ति में देश-विदेश के लोग रमे हैं। राम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। चारों ओर उत्सव जैसा माहौल है और राम की नगरी में बॉलीवुड सितारों का भी जमावड़ा लगने लगा है। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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