टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
मुंबई: महाराष्ट्र के बीड जिले के मूल निवासी और पुलिसकर्मी ललित साल्वे ने आधा जीवन स्त्री का जिया, लेकिन अब वह एक बच्चे के पिता बन गए हैं। ललित ने जन्म से लेकर 2017 तक एक औरत का जीवन जिया था।
जेनिटल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी (जननांग पुनर्निर्माण सर्जरी) के बाद उनकी शादी हुई और हाल ही में उनकी बीवी ने एक बच्चे को जन्म दिया है। दरअसल जून 1988 में जन्मे ललित साल्वे उस समय अखबार की सुर्खियां में थे, जब उन्होंने अपनी आइडेंटिटी पाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जन्म के समय हार्मोनल इंबैलेंस के चलते ललित के जननांग का सामान्य रूप से निर्माण नहीं हो पाया था, यही कारण था कि उनके माता-पिता को लगा कि उनके घर बेटी पैदा हुई है।
2020 में शादी कर अपना घर बसाया
लगभग 30 साल ललित ने एक स्त्री की तरह जिंदगी बिताई, लेकिन युवा अवस्था में उन्हें एहसास हुआ कि वह महिला नहीं, बल्कि पुरुष है। अपनी वास्तविक पहचान पाने के लिए वह सेंट जॉर्ज अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट गए। 2018 में प्लास्टिक सर्जन डॉ. रजत कपूर ने उनकी सर्जरी की। ललित ने सर्जरी के बाद 2020 में शादी कर अपना घर बसाया। 15 जनवरी को उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया।
आधी जिंदगी एक औरत की जी
एनबीटी से बात करते हुए ललित ने बताया कि उन्होंने आधी जिंदगी एक औरत की जी, लेकिन अब मुझे पिता बनने का सुख मिला है। मैं सेंट जॉर्ज के डॉ. रजत कपूर, डॉ. मधुकर गायकवाड, बीड के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्रीधर, तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मीडिया का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे मेरी वास्तविक पहचान दिलाने में पूरी मदद की।
पहचान पाने की लड़ाई थी, भगवान ने संसार बसा दिया’
एनबीटी से बात करते हुए पुलिसकर्मी ललित साल्वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि ‘मेरे लिए यह किसी सपने से कम नहीं है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि शादी होगी और पिता बनूंगा। मेरी लड़ाई पहचान पाने की थी, लेकिन भगवान के आशीर्वाद से पहचान भी मिली और मेरा संसार भी बस गया।’ ललित ने 5 साल पहले ही जेनिटल रीकन्स्ट्रक्शन सर्जरी करवाई थी।
ऑपरेशन से मिली पहचान
ललित ने बताया,’मेरा जीवन काफी दुखदायी रहा है। तब मैंने शादी और बच्चे के बारे में नहीं सोचा था। पुरुष होते हुए भी स्त्री का जीवन जीना मेरे लिए कठिन था। मेरी असली पहचान पाना ही मेरा लक्ष्य था। ऑपरेशन के बाद मुझे मेरी पहचान मिली। पिछले पांच साल में मुझे सबसे ज्यादा खुशी मिली है।’
सामान्य दंपती की तरह मिला संतान सुख
ललित ने कहा,’मेरे अतीत को जानने के बावजूद सीमा ने मुझसे शादी की। 15 जनवरी को, मकर संक्रांति के दिन मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया है। अब मैं पिता भी बन गया हूं। इससे ज्यादा खुशी मुझे क्या ही मिल सकती है। संतान प्राप्ति के लिए मुझे किसी चिकित्सीय मदद की जरूरत भी नहीं पड़ी। एक सामान्य दंपती की तरह संतान का सुख मिला है। हमारे बच्चे का नाम आरुष है। बच्चे को अस्पताल में टीका दिलवाने लाए हैं।’
सेंट जॉर्ज में अगले महीने से होगी सेक्स चेंज सर्जरी
कोविड के बाद से सेंट जॉर्ज अस्पताल में जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी को अंजाम दिया जाएगा। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. सागर गुंदेवार ने बताया कि कोविड के बाद हम अगले महीने पहली सेक्स चेंज सर्जरी करने वाले हैं। इसमें व्यक्ति को पुरुष से महिला बनना है। व्यक्ति की हार्मोन थेरेपी पूरी हो गई है।
अब मेडिकल बोर्ड, जिसमें गाइनेकोलॉजिस्ट, साइकाइट्रिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन सहित अन्य डॉक्टरों की सहमति जरूरी है, फाइनल सर्जरी के लिए हस्ताक्षर किए जाते हैं। जेजे अस्पताल में 2 और सेंट जॉर्ज में 2 कुल 4 मरीज सर्जरी के लिए कतार में हैं।
Author: samachar
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