ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
नब्बे के दशक में उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया रहा श्रीप्रकाश शुक्ला और बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का रिश्ता जानकर आप चौंक जाएंगे।
कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला गोरखपुर के बड़हलगंज से पंद्रह किमी दूर मामखोर गांव का रहने वाला था, पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पूर्वज भी इसी गांव से बाहर गए थे। बाबा ने कहा की मैं भी यूपी का हूं, मामखोर मेरा गांव है, हम भी गोरखपुर वाले हैं।
हमारे 8-9 पूर्वज मामखोर गांव के रहे हैं। एक तरह से श्रीप्रकाश और पंडित धीरेंद्र शास्त्री में खून का रिश्ता है।
बता दें कि श्रीप्रकाश के आतंक से यूपी थर्रा उठा था, उसके खात्मे के लिए UP में STF का गठन हुआ था, और इसी STF ने एनकाउंटर के श्रीप्रकाश शुक्ला को ढेर किया।
बाबा ने कहा की यूपी वाले जहां भी जाते हैं हिला के रख देते हैं, उन्होंने उदाहरण देते हुए कि आप सीएम योगी को ही देख लो। चिल्लूपार के मामखोर गांव से उनके पूर्वजों का जुड़ाव होने की जानकारी मिलते ही मामखोर वासी भी काफी उत्साहित हैं और प्रयास कर रहे हैं कि उनको अपने गांव की धरती पर घुमाएं और उनका स्वागत करें। इसकी तैयारी में भी लोग जुट गए हैं।
हनुमान जी महाराज का नाम जपते रहिए, सभी भूत बाधा से आप दूर रहेंगे
श्रीराम कथा के दूसरे दिन दिव्य दरबार लगाया गया। जिसमे आस्था का महाकुंभ उमड़ पड़ा। भीड़ को देखकर गदगद हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हम पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रचार करेंगे और सनातन विरोधियों को नाके चने चबवा के रहेंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, सनातन धर्म पर सवाल उठाने वालों पर बागेश्वर भगवान की कृपा उनपर तमाचा है। हम मंच से ललकार कर कहते हैं कि सनातन धर्म के अलावा दुनियां का कोई भी धर्मगुरु बागेश्वर वाले बालाजी की कृपा का सामना नहीं कर सकता। हम ललकार कर कहते हैं कि दूसरे मजहब का धर्मगुरु आ जाएं, हम उसके बारे में इतना बताएंगे कि वह किसी के सामने मुंह नही दिखा पायेगा। उन्होंने कहा कि आप सभी हनुमान जी महाराज का नाम जपते रहिए, सभी भूत बाधा से आप दूर रहेंगे।
मंदिरों में भीड़ और सड़क पर तूफान चाहिए
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, मंदिरों में भीड़ और सड़क पर तूफान चाहिए। रामराज्य से भरा हिंदुस्तान चाहिए। आज सनातन की क्रांति समूचे क्षेत्र में दिखाई पड़ रही है। जिस राज्य में धर्म और कर्म दोनों समान होकर नीति का पालन करते हैं वही रामराज्य है। जिसके जीवन में गुरु आता है, उसका जीवन वहीं से शुरू हो जाता है। जिसका गुरू बलवान होता है, उसका शिष्य पहलवान होता है। राजा को राज्य सुरक्षित रखने के लिए धर्म की रक्षा करनी चाहिए।
शिष्य को गुरू के आधार पर, पिता को पुत्र, पत्नी को पति, सेवक को स्वामी और भक्त को भगवान के आधार पर जीना चाहिए।
गुरु विष को हर कर अमृत पिलाने का काम करते हैं। जिन्हें परमात्मा तक जाना है उन्हें महात्मा के आंचल को पकड़ना होगा। इसलिए गुरूमुखी होकर उनके चरणों में जुड़ जाओ। इससे संकटमुक्त हो जाता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."