जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलियाः कोलकाता से अयोध्या जा रहा कैटामारन इलेक्ट्रिक जलयान बुधवार को तिलापुर के सामने बालू में फंस गया। सरयू में पानी कम होने के चलते जलपोत आगे बढ़ नहीं पाया। हालांकि साथ चल रहे कर्मचारियों ने जलयान को बालू से निकालने के लिए घंटों मशक्कत की, लेकिन शाम छह बजे तक सफलता नहीं मिल पाई थी। जबकि निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक जलयान को मंगलवार शाम/बुधवार को सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के खरीद से होकर गुजरना था।
ऐसे में अब जलयान वृहस्पतिवार को ड्रेनेज के उपरांत आगे बढ़ने की उम्मीद है।
उधर, जलयान गुजरने को लेकर पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता मोहम्मद इमरान के नेतृत्व में पूरी टीम दिन भर इंतजार करती रही। कोलकाता के सागर आइलैंड से बीते सात जनवरी को रवाना हुए जलयान को हर हाल में 17 जनवरी को खरीद से रवाना हो जाना था, लेकिन मंगलवार को मांझी घाट के पास भी नदी में पानी कम होने और दिशा भ्रम होने की वजह से वहीं रोकना पड़ गया था।
बुधवार को जलयान जेपी नगर से जैसे ही आगे बढ़ा नदी में ढलान की वजह से पानी का लेवल काफी कम हो गया लिहाजा जलयान नदी के रेत (बालू) में फंस गया।
जलयान चालक मनोज ने बताया कि सरयू नदी के इस परिक्षेत्र में पानी कम होने के चलते जलयान आगे नहीं बढ़ पा रहा है, जल्द ही रास्ता निकाला जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना के तहत कोलकाता से अयोध्या के मध्य सरयू नदी के इस मार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 40 घोषित किया गया है। जिसका उद्देश्य जल परिवहन सेवा के साथ-साथ कारोबार को गति देना है। जिसे मूर्त रूप देने के लिए उक्त जलयान रवाना किया गया था। जिसका 22 जनवरी को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाना है।
वहीं, उक्त जलयान को खरीद-वाराणसी के रास्ते 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचना है, लेकिन सरयू में पानी का स्तर कम होने से चालक दल को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
75 से 100 लोगों के बैठने की क्षमता
इस जलयान में 75 से 100 लोगों के बैठने की क्षमता है। कीमत लगभग 16 करोड़ रुपए है। बताया जाता है कि केंद्र व राज्य में मिलाकर कुल 111 इनलैंड वॉटर वेज है। इनमें से 11 यूपी में हैं। इनलैंड वॉटरवेज के विकास से एक तरफ जहां प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं राजस्व भी बढ़ेगा। सड़कों पर बढ़ रहे यातायात के दबाव को भी कम करने में मदद मिलेगी।
Author: samachar
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