इरफान अली लारी की रिपोर्ट
एटा: जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनकर आपको भी यकीन नहीं होगा। मुंशीनगर के हाकिम सिंह(55) ने जिंदा रहते हुए आधा बीघा जमीन बेचकर गांव के 700 लोगों को दावत देकर पहले अपनी तेरहवीं का कार्यक्रम कराया, उसके बाद पिंडदान भी किया लेकिन यह कार्यक्रम कराने के दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। तेरहवीं मनाने के दौरान कुछ लोगों ने हाकिम से पूछा, तब उन्होंने तर्क दिया कि वह अविवाहित हैं। मरने के बाद कहीं परिवार के अन्य लोगों ने तेरहवीं समेत अन्य संस्कार किए या नहीं, इसलिए उन्होंने पहले ही तेरहवीं मना ली।
जिंदा रहते हुए अपना तेरहवीं संस्कार किया
हाकिम की अचानक मौत ने ग्रामीणों को सकते में डाल दिया है। वह एक दुकान में मृत मिले थे। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। सकीट क्षेत्र के मोहल्ला मुंशीनगर निवासी हाकिम सिंह (55) वहीं के दयाराम सिंह फौजी की दुकानों में रहते थे। दो दिन पहले उन्होंने आधा बीघा जमीन बेची थी। उस धनराशि से गांव में भव्य कार्यक्रम किया और जिंदा रहते हुए अपना तेरहवीं संस्कार किया। जिसमें करीब 700 लोगों को भोजन कराया था। तेरहवीं संस्कार के दौरान उन्होंने अपना पिंडदान भी किया।
परिवार में जो लोग हैं, उन पर हमें भरोसा नहीः हाकिम सिंह
हाकिम सिंह का कहना था कि उन्होंने शादी नहीं की थी। परिवार में जो लोग हैं, उन पर उन्हें भरोसा नहीं है। मरने के बाद परिवार के लोग उनकी तेरहवीं करेंगे या नहीं, इसलिए उन्होंने जीते तेरहवीं संस्कार कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक रोज की तरह हाकिम मंगलवार की रात दुकानों में को सोए थे, लेकिन बुधवार सुबह नहीं उठे।
मामले की जांच कर रही है पुलिस
लोगों ने जाकर देखा तो चारपाई पर हाकिम मृत अवस्था में मिले। इसका पता लगने पर उनके भाई- भतीजे भी वहां पहुंच गए और बिना पुलिस को सूचना दिए शव अपने घर पर ले गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."