ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा में नानी द्वारा अपने नाती का अपहरण करके उसे बेचने वाले मामले में एक नया एंगल सामने आया है। बीते दिनों खबर सामने आई थी कि 1 माह के मासूम का अपहरण करके बच्चे की नानी ने उसे 2 लाख रुपये में बेच दिया था।
घटना तब हुई थी जब पीड़ित बच्चे की मां ने बच्ची की देखभाल के लिए उसे नानी को सौंप दिया था और वह दवाई लेने के लिए घर से बाहर चली गई थी।
शिवांगी, जो बच्चे की मां है, उन्होंने बताया कि संभल की रहने वाली उसकी सौतेली मां को उसने बच्चे की देखभाल के लिए अपने पास बुलाया था। शिवांगी का कहना है कि वह अपनी मां पर विश्वास करके बच्चे को सौंप कर गई थी और अपने पति के साथ दवा लेने चली गई। जब वापस आई तो उसका बच्चा नहीं मिला। अभी तक यह माना जा रहा था कि आरोपी नानी शिवांगी की मां है, लेकिन अब खबर सामने आई है कि वह उसकी सौतेली मां है।
घर से अगवा करके भागी थी सौतेली मां
इस पूरे मामले में पुलिस की तत्परता के कारण सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके उन्हें जेल भेज दिया था। वहीं, बच्चे को अपनी मां को सौंप दिया थाथा। शिवांगी ने पुलिस को बताया था कि अप्रैल 2023 में उसने बेटे को जन्म दिया था। उस दौरान देखभाल के लिए उसकी सौतेली मां बबीता शाहबेरी घर आई थी। इसी दौरान आरोपी महिला ने बच्चे को अगवा किया था और घर से फरार हो गई थी।
शिवांगी ने पुलिस को तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरु कर दी। पुलिस बबीता के संभल स्थित मुटैना गांव पहुंची। यहां बबीता कुछ दिन पहले ही आई थी।
पहले भी कर चुकी है ऐसे काम
शिवांगी का कहना है कि उसकी सौतेली मां पहले भी इसी तरह का काम कर चुकी हैं लेकिन उसमें दोनों पक्ष में समझौता हो चुका था। शिवांगी का कहना है कि वह प्रेग्नेंट थी इसलिए बच्चों की देखभाल के लिए उसने अपनी सौतेली मां को संभालने के लिए बुलाया था।
हापुड़ में जमुना नाम की महिला के साथ मिलकर उसके लिए सौतेली मां ने बच्चों को हापुड़ में बेच दिया। जब पुलिस ने शिवांगी की सौतेली मां को गिरफ्तार किया तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
पैसों के लालच में किया अपहरण
पुलिस ने बताया कि जमुना शिवांगी की सौतेली मां थी और उसे पैसों का लालच था। पैसों के लालच के चलती ही उसने अपनी बेटी शिवांगी के एक महीने के बच्चे को एक डॉक्टर को 2 लाख में बेच दिया, जिसमें डॉक्टर ने 1 लाख रखें और जमुना ने 50 हजार और बबीता नाम की महिला, जिसने डॉक्टर तक बच्चे को पहुंचाया, उसने भी 50 हजार रुपए रखे थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."