संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। सरकार द्वारा गौवंशों के रखरखाव के लिए बड़ी संख्या में गौशालाओं का निर्माण कराया गया है वहीं इन गौवंशों के भरण पोषण के लिए चारे भूसे के नाम पर लाखों रुपए की धनराशि दी जा रही है लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से गौवंशों के रखरखाव व भरण पोषण के लिए आई धनराशि को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है व इन गौवंशों को न तो पशु चिकित्सक देखने आते हैं और न ही ज़िम्मेदार अधिकारी जाते हैं जिसके कारण यह गौवंश भूख, ठंड और बीमारी के चलते मौत के आगोस में समाते हुए चले जा रहे हैं l
सदर ब्लाक कर्वी की ग्राम पंचायत सकरौली की गौशाला में गौवंशों की दुर्दशा देखते ही बनती है जहां पर इन गौवंशों के लिए ठंड से बचने के लिए कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है।
गौवंशों को खिलाने के लिए थोड़ा बहुत सड़ा हुआ भूसा रखा हुआ है जिसको गौवंशों को खिलाया जा रहा है जिसको खाकर गौवंश बीमार हो रहे हैं व मौत के आगोस में समा रहे हैं l
सकरौली की गौशाला का निर्माण एक ऊंचे टीले पर किया गया है और पानी की चरही काफ़ी नीचे बनाई गई है जिसके कारण कई गौवंशों की मौत भी हो चुकी है वही गौशाला में बाउंड्री वॉल नही है सिर्फ़ तार व बांस बल्लियों के सहारे इनका रखरखाव किया जा रहा है जहां पर गौवंश बांधे जा रहे हैं वहां पर सही तरीके से छप्पर की भी व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण भीषण ठंड में गौवंश ठिठुरते रहते हैं l
समाचार दर्पण 24न्यूज़ की टीम ने जब सकरौली की गौशाला का स्थलीय निरीक्षण किया और गौशाला में गौवंशों के रखरखाव व भरण पोषण की जमीनी हकीकत जानी तो बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई l
गौशाला के चरवाहों द्वारा दबी जुबान में बताया गया कि ग्राम प्रधान व द्वारा गौशाला में कोई इंतजाम सही तरीके से नहीं किया जा रहा है गौवंशों के रखरखाव के लिए व भरण पोषण के लिए भूसे चारे की सही व्यवस्था नहीं है ग्राम प्रधान द्वारा सड़ा हुआ भूसा भेज दिया गया है व इसी को खिलाने को कहा जा रहा है वहीं गौवंशो के लिए ठंड से बचने के लिए कोई इंतज़ाम नहीं किए गए हैं जिसके कारण खुले में बांधना पड़ रहा है वहीं पानी की चरही काफी नीचे बनाई गई है जिसमें पानी पीने के लिए गौवंश उतरते हैं तो गिर कर घायल हो जाते हैं वहीं इस गौशाला में पशु चिकित्सक कभी नहीं जाते हैं और न ही ज़िम्मेदार अधिकारी पहुंचते हैं l
जब गौशाला में सचिव व प्रधान के आने के बारे में चरवाहों से पूछा गया तो उनके द्वारा कहा गया कि साहब हमारे पेट पर लात मत मारो अगर हमने आपसे गौशाला की कमियों को बता दिया तो ग्राम प्रधान हमें हटाकर दूसरे को रख लेगा । दबी जुबान में एक चरवाहे ने गौशाला की जमीनी हकीकत बयां कर दी उसके द्वारा बताया गया कि गौशाला में ग्राम प्रधान व सचिव कभी नहीं आते हैं सिर्फ़ ग्राम प्रधान फ़ोन के जरिए हाल चाल लेते हैं व सचिव को हमने कभी देखा ही नहीं। वह कभी आते ही नहीं हैं और न ही पशु चिकित्सक कभी गौशाला आते हैं और न ही कोई बड़ा अधिकारी गौशाला पहुंचता है। जितना हमें गौवंशों को खिलाने के लिए चारा भूसा मिलता है उसी को खिलाते हैं l
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान का आवास गौशाला से काफ़ी दूरी पर है वह गौवंशों को देखने तक नहीं आता है और न ही गौवंशों को ठंड से बचने के लिए कोई इंतज़ाम कर रहा है और न ही चारे भूसे की सही तरीके से व्यवस्था कर रहा है l
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान विकास कार्यों के नाम पर ख़ूब फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट कर रहा है लेकिन गौशाला का सही तरीके से निर्माण कार्य नहीं करा रहा है और न ही चारे भूसे की सही तरीके से व्यवस्था करा रहा है जिसके कारण यह गौवंश इसी भीषण ठंड,,भूख व बीमारी से दम तोड़ देंगे l
सरकार द्वारा गौवंशों के रखरखाव व भरण पोषण के नाम पर लाखों रुपए दिए जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद गौशालाओं में गौवंशों की दुर्दशा देखते ही बन रही है l इन गौशालाओं की दुर्दशा के ज़िम्मेदार संबंधित अधिकारी भी हैं जो सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं।
जिला प्रशासन कब उपरोक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्राम पंचायत सकरौली की गौशाला में गौवंशों के रखरखाव व भरण पोषण में लापरवाही बरतने वाले ग्राम प्रधान व सचिव की जॉच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."