Explore

Search
Close this search box.

Search

15 January 2025 7:17 pm

लेटेस्ट न्यूज़

कंबल क्यों नहीं खरीदा… ? योगी जी ने पूछा अधिकारी से… मामला गजब का है और काबिल ए गौर भी

40 पाठकों ने अब तक पढा

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ। प्रदेश में शीतलहर और ठंड के मद्देनजर योगी सरकार ने अलाव और कंबलों की मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश पहले ही दे दिये हैं। प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसके लिए 29 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किये जा रहे हैं। वहीं 72 जिलों में कंबलों की खरीद का कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि तीन जिलों में विलंब होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी व्यक्त की है। सीएम के निर्देश पर तीनों जिलों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि कहीं पर भी अलाव और कंबल की कमी ना होने पाए। साथ ही कंबल की गुणवत्ता से भी किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। 

मुख्य सचिव स्तर पर की जा रही कंबल वितरण की निगरानी

जिलों में कंबल वितरण और अलाव की व्यवस्था की निगरानी सीधे मुख्य सचिव स्तर पर की जा रही है। सरकार की ओर से प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए जहां कंबल की खरीद के लिए 27.27 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं वहीं अलाव के लिए 1.77 करोड़ की व्यवस्था की गई है। अबतक प्रदेश के 72 जिलों में कंबलों क्रय की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जबकि कानपुर देहात, संभल और एटा में इस कार्य में हो रहे विलंब पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इनके जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिये हैं।

20 दिसंबर तक हुई 3 लाख से अधिक कंबलों की खरीद

20 दिसंबर तक प्रदेश में 3,30,794 कंबलों की खरीद पूरी कर ली गई है, जबकि 45,293 कंबलों को वितरित भी किया जा चुका है। वहीं प्रदेशभर में 1,199 रैन बसेरों को संचालित किया जा चुका है। साथ ही अलाव जलाने के लिए प्रति तहसील 50 हजार रुपए भी योगी सरकार ने आवंटित कर दिये हैं। मुख्यमंत्री ने खादी ग्राम उद्योग बोर्ड से खुली निविदा के माध्यम से गोरखपुर, अयोध्या, मिर्जापुर, वाराणसी, मुरादाबाद मंडलों द्वारा L-1 की दर से कुल 24 हजार कंबल क्रय करने के निर्देश दिए गए हैं। योगी सरकार की ओर से प्रदेश में शीतलहर के मद्देनजर राज्य आपदा मोचक निधि में 120 करोड़ रुपए का प्रविधान किया गया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़