संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। ज़िला पंचायत राज अधिकारी द्वारा वित्तीय अनियमितता के आरोप में सत्रह सचिवों के विरूद्ध सदर कोतवाली कर्वी में एफ आई आर दर्ज़ कराई गई है जिसके कारण ज़िला मुख्यालय सहित गांवों गलियारों में यह कार्यवाही चर्चा का विषय बनी हुई है हर तरफ़ सचिवों के विरूद्ध हुई कार्यवाही की चर्चाएं हो रही हैं l
वहीं दूसरी ओर आम जनमानस को यह समझ नहीं आ रहा है कि ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी की फर्जी दस्तावेजों के सहारे की जा रही नौकरी के चर्चे भी खूब सुनने को मिल रहे थे लेकिन कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है l
ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने फर्जी वारिश प्रमाण पत्र व फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के सहारे नौकरी हथियाने का काम किया गया था जिसकी शिकायत होने पर शासन स्तर से जॉच कराई गई थी जिसमें जॉच अधिकारी राधेश्याम वर्मा खण्ड विकास अधिकारी ने जांच में सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के दस्तावेज़ फर्जी पाए थे जिसकी कार्यवाही हेतु शासन स्तर पर रिपोर्ट आख्या भेजी थी लेकिन आज़ तक कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है l
वहीं सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा ठेकेदारों/सप्लायरों की मिलीभगत से वित्तीय स्वीकृति के नाम पर खूब फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और मनमाने तरीके से वसूली की जा रही है जिसकी जानकारी ज़िम्मेदार अधिकारियों को है लेकिन कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है l
सोचने वाली बात यह है कि एक तरफ जहां वित्तीय अनियमितता के आरोप में लगभग सत्रह सचिवों के विरूद्ध एफ आई आर दर्ज़ कराई गई है वहीं दूसरी ओर फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के विरूद्ध एफ आई आर दर्ज़ क्यों नहीं कराई गई है जबकि जॉच अधिकारी ने अपनी जॉच रिपोर्ट में कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के दस्तावेज़ फर्जी पाए थे और जॉच शासन को भेज दी थी l
अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा या फिर यह कनिष्ठ लिपिक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करते हुए ऐसे ही शासकीय धन का बंदरबाट करवाता रहेगा यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."