इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया । वर्तमान समय में एंटीबायोटिक दवाओं का व्यापक स्तर पर दुरुपयोग हो रहा है। हर छोटी-छोटी समस्या में हम खुद को बिना किसी डॉक्टरी सलाह के इनका सेवन कर रहे हैं।
हमारे शरीर में एंटीबायोटिक दवा के प्रति प्रतिरोध बनता जा रहा है। यदि एंटीबायोटिक दवा का दुरुपयोग इसी तरीके से चलता रहा तो आने वाले समय में इन दवाओं के प्रति प्रतिरोध इस कदर हमारे शरीर में विकसित हो जाएगा कि कोई बीमारी होने पर किसी भी प्रकार के एंटीबायोटिक का असर नहीं होगा। यह स्थिति अपने आप में एक आपदा से कम नहीं होगा।
उक्त बातें मदन मोहन मालवीय शिक्षण समिति के प्रबंधक व वरिष्ठ भाजपा नेता माननीय श्री राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने महाविद्यालय में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस विषय पर आयोजित सेमिनार में कहीं।
मुख्य वक्ता वरिष्ठ वैज्ञानिक इंटीग्रेटिव जिनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी सी0 एस0 आई0 आर0 नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर जितेंद्र नारायण ने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि आज के समय में यह एक बड़ी समस्या के रूप में समाज के लिए चुनौती बन रही है। इस आपदा से निपटने के लिए किए जा रहे शोध और तकनीकी पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के युवाओं में अपार क्षमता है। सकारात्मक विचारों को लेकर आगे बढ़े हमारी प्रयोगशाला उनको आगे बढ़ाने में हर संभव तकनीकी सहयोग देने के लिए तैयार है। जीनोम सीक्वेंसिंग की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में युवाओं को कार्य करने की असीम संभावना है।
महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बायोइनफॉर्मेटिक्स के विषय में शोध करने के लिए प्रेरित किया। संगोष्ठी का संचालन महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राम अवतार वर्मा ने किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ ने की। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रोफेसर कमलेश नारायण मिश्र, संयोजक प्रोफेसर सुधीर कुमार शुक्ला डॉ0 महेंद्र कुमार मिश्र आदि ने किया।
प्रतिभाग करने वाले आचार्यों में डॉ मनीष नाथ त्रिपाठी, डॉ अमीर लाल, डॉ अंशुमान सिंह, डॉ राकेश कुमार, डॉ सुशील पांडे, डॉअवनीत सिंह, डॉ रणजीत सिंह, डॉ शीलेंद्र कुमार पाठक, डॉ श्रीनिवास मिश्र, डॉ संतोष , शिव प्रसाद , प्रवीण शाही आदि लोग उपस्थित रहे।