चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर: यूपी के कानपुर में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करा दी। मृतक प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक था। पति की हत्या के लिए पत्नी ने चार लाख रुपए में हत्यारे हायर किए थे। भाड़े के हत्यारों ने ईको कार से कुचल कर हत्या की थी, ताकि शिक्षक की हत्या हादसा लगे।
बुधवार को पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए शिक्षक की पत्नी, प्रेमी और एक कार चालक को अरेस्ट किया है। वहीं एक आरोपी फरार है, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
चकेरी थाना क्षेत्र स्थित देहली सुजानपुर में रहने वाले राजेश गौतम (40) सुभौली गांव में प्राइमरी शिक्षक के पद पर तैनात थे। परिवार में पत्नी उर्मिला उर्फ पिंकी के साथ रहते थे।
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राजेश गौतम बीते 4 नवंबर (शनिवार) की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इसी दौरान सेन पश्चिम पारा थाना क्षेत्र के स्वर्ण जयंती विहार में एक कार ने उन्हें कुचल दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
राजेश गौतम पर ईकों कार चढ़ाने के बाद कार बिजली के पोल से टकरा गई थी। इसमें ईको का टायर फट गया था। कार चालक अपने साथी विकास सोनकर की कार में बैठकर फरार हो गया था।
प्रेम संबंधों में हत्या
राजेश गौतम की पत्नी उर्मिला का शैलेंद्र सोनकर नाम के युवक से प्रेम संबंध थे। पत्नी के प्रेम संबंधों की जानकारी राजेश गौतम को हो गई थी। इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच आए दिन विवाद होता था। उर्मिला ने पति को रास्ते से हटाने के लिए प्रेमी शैलेंद्र के साथ मिलकर हत्या की योजना 6 महीने पहले बनाई थी।
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कार से एक्सीडेंट कराने के लिए उर्मिला ने सुमित कठेरिया और विकास सोनकर को 4 लाख में हायर किया था। हत्या को हादसे का रूप देने का दबाव बनाया था।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
राजेश गौतम बीते 4 नवंबर 2023 की सुबह 6 बजे टहलने के लिए निकले थे। उर्मिला ने प्रेमी शैलेंद्र को सूचना दी कि राजेश टहलने के लिए घर से निकल चुका है। सुमित कठेरिया और विकास सोनकर ने अपनी-अपनी कार से राजेश गौतम का पीछा किया। इसके बाद उचित दूरी से सुमित कठेरिया ने अपनी ईको कार से कुचल कर राजेश गौतम की हत्या कर दी थी।
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घटना को अंजाम देते समय से सुमित कठेरिया की कार बिजली के खंभे से टकरा गई थी। इसकी वजह से उसकी कार फंस गई थी। राहगीरों की भीड़ अपनी तरफ आते देखकर सुमित कठेरिया अपने साथी विकास सोनकर की कार में बैठ कर भाग गया था।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."