हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके उत्तरकाशी में एक तरफ जहां 41 मजदूर सुरंग के अंदर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। वहीं येलो अलर्ट जारी होने से बचावकर्मियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी में कई जगहों पर हल्की बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में फंसे मजदूरों के साथ ही रेस्क्यू में लगे लोगों के सामने डबल चुनौती पेश आ रही है।
बीते 14 दिनों से सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से वहां 41 की संख्या में मजदूर फंस गए हैं। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान ब्लेड डैमेज हो गया, जिससे अब समय अधिक लग रहा है। रेस्क्यू को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है। एक्सपर्ट्स ने अभी कुछ दिन तक और ऑपरेशन चलने का अंदेशा जताया है।
मौसम विभाग ने सोमवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले बारिश और बर्फबारी से मैदानी जिलों में तापमान में गिरावट आ सकती है। बर्फबारी और तापमान में गिरावट से दिक्कत हो सकती है।
सभी मजदूर सेफ, मशीन को नुकसान
सिल्क्यारा सुरंग बचाव अभियान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि अंदर फंसे 41 मजदूर ठीक हैं। उनके पास सभी चीजें जा रही हैं।
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मजदूरों के परिजन भी आ गए हैं, मजदूरों ने अपने परिजनों से बात भी की है। जहां तक बचाव अभियान का सवाल है, कुछ समस्याएं हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि ऑगर मशीन में क्षति हुई है और इसका कुछ हिस्सा बाहर नहीं आया है। ऑगर मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए उन्नत मशीनरी की आवश्यकता है, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से लाया जा रहा है। यह जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंच जाएगा।
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सरियों के जाल में फंसी ऑगर मशीन
दरअसल ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल मशीन के सामने आ गया जिसकी वजह से ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंस गए। ऑगर मशीन का अगला हिस्सा लोहे के पाइप के आखिरी मुहाने पर बुरी तरह फंस गया है। इस मशीन के ऑपरेशन में अब तक किए सबसे बड़ी मुश्किल है। ऑगर मशीन के ब्लड को वहां से निकलना बेहद मुश्किल हो रहा है और फिलहाल एजेंसियों के पास कोई रास्ता नहीं है कि जाल को काटकर मशीन को पीछे लाया जाए।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."