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November 2, 2024 10:56 am

घर में सोने चांदी सब थे मौजूद लेकिन लॉकर से सिर्फ गायब हो गए अमेरिकी डॉलर और पड़ी थी महिला की लाश

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

दिल्ली के पॉश इलाके पटेल नगर में एक महिला का कत्ल हो जाता है, लेकिन कातिल का मोटिव समझ नहीं आ पाता। पुलिस नहीं समझ पाती कि मर्डर आखिर हुआ क्यों और किसने किया। घर में काफी कीमती सामान होता है, पैसा रखा हुआ है, सोना रखा हुआ, लेकिन घर से गायब मिलता है तो बस अमेरिकी डॉलर। अब सवाल ये है कि अगर मकसद चोरी था तो क्यों बाकी कीमती सामान नहीं चुराया गया।

दिल्ली की अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री

साल 2014, गर्मियों की दोपहरी। दिल्ली के पटेल नगर इलाके में सावित्री देवी हासिजा नाम की महिला फर्स्ट फ्लोर पर रहती थीं। उनके साथ उनका एक बेटा, बहू और दो पोतियां भी रहती थीं। पति की मौत को अभी कुछ साल ही हुए थे जबकि दो बेटियां अमेरिका और यूरोप में सेटल थीं। उस दिन सावित्री देवी घर पर अकेली थीं। बेटा हर रोज की तरह अपने बिजनेस में गया हुआ था जबकि बहू अपनी दोनों बेटियों के साथ अपने मायके गई हुई थी।

शाम को किसी ने नहीं खोला दरवाजा

दोपहर एक बजे बेटे कंवल का नौकर हर रोज घर से टिफिन लेने आता था। उसके टिफिन ले जाने के बाद सावित्री देवी दोपहर में सो जाती थीं। उस दिन भी नौकर अमर घर आकर टिफिन लेकर गया। शाम को करीब 6.30 बजे सावित्री देवी का बेटा घर लौटा। उसने डोर बेल बजाई, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला।

घर के अंदर पड़ी थी सावित्री देवी की लाश

दरअसल सावित्री देवी का इस बीच में कत्ल हो चुका था। घर के अंदर उनकी लाश पड़ी हुई थी। उनके गले में एक दुपट्टा बांधकर उनकी जान ली गई थी। दरवाजा लॉक नहीं था। ये साफ था कि जो भी घर के अंदर आया उसे पहले से ही घर का पता था। उसे दरवाजा खोलने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। पुलिस की टीम घर पर पहुंची। जांच शुरू हुई। घर की तलाशी ली गई। हैरानी की बात ये थी कि घर से कोई ज्यादा सामान गायब नहीं हुआ था। यहां तक की सावित्री देवी की उंगलियों में पहनी हुई सोने की अंगूठियां भी वैसे ही पड़ी हुई थी।

घर से गायब हुए थे अमेरिकी डॉलर

पुलिस ये नहीं समझ पा रही थी कि अगर ये मामला चोरी का है तो फिर क्यों चोरों ने सारे पैसे चोरी नहीं किए। घर से कीमती सामान क्यों नहीं चुराया गया? हां बस एक चीज जो घर से गायब थी वो थी अमेरिकी डॉलर। दरअसल कुछ समय पहले सावित्री देवी अपनी बेटी के घर अमेरिका गई हुई थीं और उनके पास डॉलर मौजूद थे। पुलिस के लिए ये थोड़ा हैरानी भरा था।

पुलिस को नौकर पर था शक

पुलिस को घर के नौकर अमर पर भी शक था। आखिरी बार अमर ही सावित्री देवी से मिला था, जब दोपहर में वो खाना लेने आया था। अमर करीब दस साल से इसी घर में काम कर रहा था। सावित्री देवी को वो मम्मी ही बोलता था। उसने विदेशों में गाड़ी चलाने के लाइसेंस के लिए भी अप्लाई किया हुआ था। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही थी कि कहीं अमर ने ही ये कत्ल तो नहीं किया।

अमेरिका में सेटल होना चाहती थीं सावित्री

पुलिस ने आस पड़ोस में भी छानबीन की। पड़ोसियों से भी सवाल-जवाब हुए। पड़ोसियों से बात करने पर पता चला कि सावित्री देवी जल्द ही अमेरिका में बसने का प्लान कर रही थीं। उनकी एक बेटी वहीं रहती है और वो चाह रहीं थी कि यहां की सारी प्रॉपर्टी बेचकर अमेरिका ही सेटल हो जाएं।

बेटा-बहू से भी हुई पूछताछ

सावित्री देवी के बेटा बहू से भी पूछताछ हुई, लेकिन उस दिन बहू अपने दोनों बच्चों के साथ अपने मायके गई हुई थी इसलिए उसे कुछ भी पता नहीं था। बेटे ने बताया कि उस शाम जब वो घर लौटा और दरवाजा नहीं खोला गया तो उसने नीचे अपने पड़ोसियों के घर जाकर घर पर फोन लगाया। जब फोन का भी जवाब नहीं मिला तो पड़ोसियों के साथ ही ऊपर घर में आया जहां उसकी मां की लाश पड़ी हुई थी।

नहीं सुलझ पाया पटेल नगर का ये मर्डर केस

इस केस में कुछ दिनों तक ऐसे ही जांच चलती रही, लेकिन पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लग पाया। चोरी के बाद कत्ल का मामला लग नहीं रहा था क्योंकि सामान वैसे ही पड़ा था। किसी के खिलाफ कोई सबूत भी हाथ नहीं लगे और फिर धीरे से केस ठंडे बस्ते में चला गया। दिल्ली के पटेल नगर की ये मर्डर मिस्ट्री हमेशा के लिए मिस्ट्री बनकर रह गई।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."