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November 22, 2024 11:12 am

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सवाल प्रशासन से : साहब ! क्या इसी पथरीले रास्तों से होकर भूखी-प्यासी छठ व्रतियों को जाना होगा घाट पर ?

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : जब सड़क पर बिखरी है पत्थर तो श्रद्धालु कैसे जाएंगे छठ महापर्व का व्रत करने, यह सबसे बड़ी समस्या है।

खबर है जिले के कांडी प्रखंड की, जहां प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल स्थित छठ घाट तक जाने वाली रास्ते में बड़ा-बड़ा पत्थर बिखरा पड़ा देखने को मिल जाएगा।

बता दें कि हरीगांवा मोड़ से सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल तक सड़क का निर्माण कार्य हो रहा है। संवेदक ने पिछले 6 महीने से सड़क को जेसीबी से उखाड़ कर उस पर बड़ा-बड़ा स्पॉल पत्थर बिछा कर यूं ही पूरी सड़क में छोड़ दिया है। पत्थर को ढकने के लिए मोरम या भिस कुछ भी नही डाला गया है। यह सड़क राज संपोषित योजना से निर्माण किया जा रहा है। संवेदक की लापरवाही से विगत 6 महीने से यह स्थिति बनी हुई है। उसी स्थिति में लोग पैदल या सभी प्रकार की वाहनों से किसी प्रकार आवागमन कर रहे हैं।

भरे पड़े पत्थर से दोपहिया वाहन के टायर लगातार पंचर हो रहे हैं। वहीं छठ महापर्व में हजारों की संख्या में छठ व्रती व्रत करने सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल पहुंचते हैं। नियम के अनुसार छठ व्रती खाली पैर व पैदल चलकर घर से घाट तक जाती हैं। बहुत से व्रती दंडवत करते हुए छठ घाट तक जाती हैं। अब सवाल उठता है कि सड़क की जो वर्तमान हालात है, यदि पत्थर को मोरम भिस डालकर, उसे ढंक कर समतल नहीं किया गया तो छठ व्रतियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

आठ किलोमीटर लंबी उक्त सड़क में सतबहिनी छठ घाट के अलावे दूसरे गांव के छठ व्रतियों व अन्य लोगों को छठ घाट तक उक्त सड़क से होकर पहुंचने में मुश्किल होगी। कारण पूरी सड़क में स्पॉल पत्थर बिछा कर संवेदक ने छोड़ दिया है।

इस सम्बन्ध में हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल के कार्यकारी अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि संवेदक से बात हुई है। छठ पूजा शुरू होने से पूर्व उक्त सड़क को समतल कर दिया जाएगा। छठ व्रतियों को सतबहिनी झरना तीर्थ पहुंचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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