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November 23, 2024 5:01 pm

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महज़ 54 शब्दों में लिखे इस खत ने 30 दिनों से 10 गांवों की नींद हराम कर दी है, पढ़िए क्या है इस खत का मामला

12 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

“मैं डाकुओं का सरदार

गोंडापुरवा वालों तुम कितना जागते रहोगे।

दीपावली तक पूरा गांव लूट लेंगे और

छोटे बच्चों की किडनी निकाल लेंगे।

या इससे पहले पूरे गांव वाले हर-घर

से मिलकर 2000 रुपए इकट्ठा कर के

गांव के बाहर पेड़ के नीचे डाल आओ।

बस इसी में तुम लोगों की भलाई है।”

पूरा डाकू गिरोह

इस धमकी ने बीते 30 दिनों से सीतापुर के गोंडापुरवा में दहशत फैला दी है। रात में ग्रामीण पूरे गांव का चक्कर लगाते हैं। शाम होने से पहले महिलाएं बच्चों को घरों में बंद कर लेती हैं। हालत यह है कि लोग रात में बीमार भी होते हैं तो हॉस्पिटल जाने से बचते हैं।

महेश का परिवार सबसे ज्यादा खौफ में है, क्योंकि उन्हीं के घर की दीवार में ये धमकी भरा खत चिपका मिला था। डाकुओं की धमकी से महेश की मां बिटोला देवी इतना परेशान हैं कि बैठे-बैठे बेसुध होने लगती है। बात करते हुए रोने लगती हैं। दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची, गांव के हालात जाने। धमकी मिलने के बाद गांव के लोगों से बात की।

गोंडापुरवा गांव के महेश सुबह 5 बजे खेत में पानी लगाकर वापस लौटे। घर की दीवार पर उन्हें एक कागज चिपका दिखाई दिया। करीब से देखा तो उस पर हिंदी में कुछ पेन से लिखा मिला। महेश ने कागज दीवार से उखाड़ लिया, फिर घर में लेकर चले गए। बेटे ने जब खत के पहले 4 शब्द पढ़ें, तो घरवाले चौंक गए। लिखा था- मैं डाकुओं का सरदार।

महेश को पहले लगा कि गांव के ही किसी व्यक्ति ने ये मजाक किया है। लेकिन जब खत आगे पढ़ा तो उनके रोंगटे खड़े हो गए। 5वीं लाइन में लिखा था – घर में छोटे बच्चों की किडनी निकाल लेंगे।

लिखा है- भलाई चाहते हो तो हर घर से 2000 रुपए इकट्ठा कर के दो

डाकुओं ने खत में बचने का रास्ता भी बताया है। 54 शब्दों के इस खत में लिखा गया कि अगर हर घर से 2000 रुपए इकट्ठा कर उन्हें देंगे, तो वे कुछ नहीं करेंगे। महेश की पत्ती कुसमा कहती हैं, “जिस दिन से कागज मिला है, घर में कोई ठीक से सोया तक नहीं है। पुलिस भी एक दिन आई थी, उसके बाद से गांव में एक भी सिपाही नहीं दिखा। हमारे यहां 100 रुपए के लाले पड़े हैं। 2000 रुपए कहां से लाएंगे।” हम से बात करते-करते कुसमा का गला भर आता है। कुछ देर चुप रहने के बाद वो दोबारा कहती हैं, “बदमाश चाहे हमका उठा ले जाएं, पर हमरे बच्चन का छोड़ दें।”

डाकुओं के आतंक से परेशान हैं आस-पास के 10 गांव

सीतापुर के हरगांव थाना क्षेत्र में पड़ती है जिलालीपुर देहात ग्राम पंचायत। गोंडापुरवा गांव भी इसी पंचायत का हिस्सा है। यहां मस्जिद के सामने पान की गुमटी पर बच्चे को गोद में लिए हमें राजू मिले। उन्होंने बताया, “हरगांव के 90% किसान गन्ने की खेती करते हैं। इस समय खेतों में गन्ना लदा हुआ है। डाकू इसी का फायदा उठाते हैं। वारदात को अंजाम देकर इन्हीं खेतों में छिपकर बच निकलते हैं।”

राजू आगे कहते हैं, “पिछले साल की ही बात है गांव के एक में डकैती पड़ी थी। बदमाशों ने चाकू की नोक पर दिनदहाड़े 2 लाख रुपए लूट लिए थे। पूरे इलाके में चोरों-डकैतों का खौफ है। आस-पास के 10 से ज्यादा गांव इनके आतंक से परेशान हैं।”

खत की बात सुनकर महेश की मां बिटौला देवी रो पड़ती हैं। वो दहलीज में खेलते पोते-पोतियों को देखने लगती हैं। उनके घर में 21 लोग हैं, इनमें 5 पोते और 2 पोतियां भी हैं। महेश ने बताया, “चिट्ठी मिलने के बाद से अम्मा इनता परेशान हैं कि रह-रहकर बेसुध हो जाती हैं। बार-बार कहती हैं कि कहीं डाकू घर के बच्चों को खेत में ले जाकर उनका पेट न फाड़ दे। पूरा घर मना रहा है कि कैसे दिवाली बीते और ये खतरा टले।”

‘गांव के एक-एक आदमी से लिखित में ली गई गवाही’

डाकू गिरोह ने खत में दिवाली तक का अल्टीमेटम दिया है। लिखा है कि दीपावली तक पूरे गांव को लूट लेंगे। इस धमकी ने गांववालों के साथ ग्राम प्रधान अकील अहमद के भी माथे पर चिंता की लकीर खींच दी। हालांकि, अकील लोगों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं। वो कहते हैं, “लेटर मिलने के बाद गांव का हर व्यक्ति डरा हुआ है। हमने इसकी जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस का कहना है कि डरने की कोई बात नहीं हैं। वो खत भेजने वालों को खोज रही है।”

ग्राम प्रधान अकील आगे कहते हैं, “धमकी मिलने के बाद पुलिस ने गांववालों से लिखित में गवाही ली। एक-एक आदमी ये साइन करवाया गया कि इस खत में उनका कोई हाथ नहीं है। लेकिन पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है।”

हरगांव के थानाध्यक्ष आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया, “गोंडापुरवा गांव में धमकी भरा खत मिलने की लगाकर तहकीकात की जा रही है। ये भी खोजा जा रहा है कि खत महज अफवाह तो नहीं है। सभी एंगल से जांच करने के बाद जल्द ही खत को भेजने वालों का पर्दाफाश किया जाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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