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November 22, 2024 5:44 pm

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गाजियाबाद के  ‘प्रकृति के आँगन में’ 22 रचनाकारों का सम्मान

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अतर्रा (बांदा)। बेसिक शिक्षक-शिक्षिकाओं की पर्यावरण सम्बन्धी रचनाओं से सुसज्जित ‘प्रकृति के आँगन में’ पुस्तक का लोकार्पण गत रविवार को हापुड़ की शिक्षिकाओं द्वारा गाजियाबाद में आयोजित किया गया है। जिसमें अध्यक्षता संतराम पाण्डेय (कार्यकारी संपादक विजय दर्पण टाईम्स, मेरठ) ने की और मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चेतन आनंद, गाजियाबाद का उद्बोधन हुआ एवं पुस्तक के संपादक शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय, बांदा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में रचनाकारों के साथ संवाद किया।

लोकार्पण कार्यक्रम में पुस्तक में शामिल 7 जनपदों के 22 रचनाकारों ने सहभागिता कर कविता पाठ किया। सभी को सम्मानित किया गया।

उक्त जानकारी देते ‘प्रकृति के आँगन में’ साझा संग्रह के संपादक प्रमोद दीक्षित मलय (बाँदा) ने गाजियाबाद से लौटकर बताया कि शैक्षिक संवाद मंच पढ़ने-लिखने की संस्कृति के विकास के लिए साहित्य की विविध विधाओं पर आधारित साझा संग्रह प्रकाशित कर रहा है जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं की भागीदारी रहती है।

लोकार्पित पुस्तक प्राणियों एवं प्रकृति के सह-सम्बंध को रेखांकित करती है। प्रकृति के महत्व को पूरी दुनिया ने कोरोना काल में समझा है। प्रकृतिपरक कविताएं एवं लेखों से सुसज्जित इस पुस्तक का लोकार्पण गत रविवार को आरडीसी, राजनगर, गाजियाबाद स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में भव्य एवं सौम्य कार्यक्रम में सम्पन्न हुआ।

वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं कार्यकारी संपादक विजय दर्पण टाईम्स मेरठ संतराम पांडेय ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षकों के सामाजिक दायित्व के सम्यक निर्वहन का प्रतीक है यह पुस्तक। वास्तव में ‘प्रकृति के आंगन में’ ही खुशियों की धूप बिखरती है।

मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चेतन आनंद ने कहा कि घुप्प अंधेरे में चेतन एवं रचनात्मक विचारों की लालटेन है ‘प्रकृति के आंगन में’ साझा संग्रह। यह न केवल इतिहास गढ़ेगी बल्कि भौतिकता में डूबे मनुष्य को प्रकृति के निकट लाने में समर्थ भी होगी।

कार्यक्रम का प्रबंधन एवं मंच संचालन ऋतु श्रीवास्तव एवं बुशरा सिद्दीकी ने संभाला। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पहार अर्पित कर कार्यक्रम का आरंभ हुआ। तत्पश्चात डॉ. निधि माहेश्वरी एवं पूजा चतुर्वेदी ने वाणी वंदना प्रस्तुत की।

लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल रचनाकारों ऋतु श्रीवास्तव, बुशरा सिद्दीकी, शिवाली जायसवाल, डॉ.निधि माहेश्वरी, पूजा चतुर्वेदी, शीतल सैनी, सुषमा मलिक, शैला राघव, सुमन, डॉ. ममता खन्ना, मीना भाटिया, बिधु सिंह, हरियाली श्रीवास्तवा, अर्चना वर्मा, गीता भाटी, राजीव कुमार गुर्जर, दीप्ति खुराना, वर्षा श्रीवास्तव, डॉ. प्रीति चौधरी, सीमा कुमारी, डॉ. नीतू शर्मा, शशि कौशिक को स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र एवं पुस्तक की एक प्रति भेंट कर सम्मानित किया गया। आयोजक शैक्षिक संवाद मंच हापुड द्वारा अतिथियों को इको फ्रेंडली उपहार पौधायुक्त गमले, सम्मान पत्र, अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न भेंट कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। संपादक प्रमोद दीक्षित मलय को गीता भाटी ने एक फोटो फ्रेम एवं ऋतु श्रीवास्तव ने कांच की गणेश मूर्ति भेंट की। उल्लेखनीय है कि ‘प्रकृति के आँगन में’ पुस्तक का लोकार्पण इसके पूर्व बांदा एवं वाराणसी में हो चुका है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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