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24 February 2025 3:44 pm

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PHC और CHC में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले 15 कर्मचारियों पर मामला दर्ज

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

बलिया जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस घोटाले में दो महिलाओं समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. विजय पति द्विवेदी के अनुसार, सभी आरोपी बलिया के ही निवासी हैं और स्टाफ नर्स के पद पर तैनात थे।

जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा

इस पूरे मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया था, जिसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई नियुक्तियों का पर्दाफाश किया। स्वास्थ्य निदेशालय ने भी स्पष्ट किया कि इनकी नियुक्तियां अवैध थीं। इसके बाद पुलिस ने CMO की शिकायत पर बलिया शहर कोतवाली में शनिवार रात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

"एक सांकेतिक डिजिटल चित्र जिसमें एक अस्पताल का दृश्य दिखाया गया है। एक छायादार व्यक्ति नर्स की ड्रेस पहनी महिला को नकली दस्तावेज सौंप रहा है, जबकि पुलिस और जांचकर्ता मामले की जांच कर रहे हैं। पृष्ठभूमि में 'Fraud' लिखा एक बड़ा लाल स्टैम्प दिखाई दे रहा है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में फर्जीवाड़े को दर्शाता है।"

किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला?

पुलिस के मुताबिक, चंद्रा, गीता यादव, उपेन्द्र, जितेंद्र यादव, संतोष कुमार, अनिल कुमार, अजय कुमार, विकास यादव, आशीष कुमार सिंह, अनिल, संदीप कुमार, शिवम यादव, विवेक कुमार, अंकित कुमार और राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (अधिकार का दुरुपयोग), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखा), 420 (धोखाधड़ी), 468 (कूटरचित दस्तावेज तैयार करना), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) और 120 बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कैसे हुआ खुलासा?

CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार्यरत हैं। इस गंभीर मामले को ध्यान में रखते हुए सात सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। जांच के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आते ही तीन अक्टूबर 2024 को इन कर्मचारियों से काम न लेने और उनके वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया।

इसके साथ ही, सभी कर्मचारियों के नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों के सत्यापन का भी निर्देश दिया गया। लेकिन जैसे ही यह कार्रवाई शुरू हुई, सभी आरोपी फरार हो गए। इसके बाद स्वास्थ्य निदेशालय ने भी पुष्टि की कि ये नियुक्तियां अवैध हैं।

पुलिस कर रही मामले की जांच

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस घोटाले ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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