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आजमगढ़

जीडी ग्लोबल स्कूल में कक्षा 12 के विद्यार्थियों का विदाई समारोह “सुगति भवतु” भव्य रूप से संपन्न

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़। बुधवार को करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में कक्षा द्वादश के विद्यार्थियों के लिए भावपूर्ण और भव्य विदाई समारोह “सुगति भवतु” का आयोजन किया गया। यह आयोजन विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय के समापन और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए किया गया।

तिलक और पुष्प अर्पण से हुआ स्वागत

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के सभागार के प्रवेश द्वार पर हुई, जहाँ कक्षा एकादश के विद्यार्थियों ने अपने सीनियर्स का तिलक और पुष्प अर्पण कर पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। यह दृश्य भावनाओं से भरा हुआ था, जिसमें जूनियर विद्यार्थियों ने अपने सीनियर्स के प्रति प्रेम और सम्मान प्रकट किया।

विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल और प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे का भी विद्यार्थियों ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मानपूर्वक स्वागत किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन

स्वागत समारोह के बाद विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक से बढ़कर एक भव्य प्रस्तुतियाँ दी गईं।

विद्यालय की हेड गर्ल ने अपने अनुभवों और भावनाओं को शब्दों में पिरोते हुए अपनी सीनियर्स के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

विद्यार्थियों को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से शिक्षकों के शुभकामना संदेश दिखाए गए, जिससे माहौल और भी भावनात्मक हो गया।

जूनियर विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक सामूहिक नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हेड बॉय ने विद्यालय में बिताए अपने अनुभव साझा किए, जिससे सभी की आँखें नम हो गईं।

‘सोल मोशन’ नृत्य प्रस्तुति इतनी मनमोहक थी कि दर्शक खुद को थिरकने से नहीं रोक पाए।

मिस्टर और मिस जीडीजीएस का हुआ चयन

विदाई समारोह के सबसे खास पलों में से एक रहा मिस्टर और मिस जीडीजीएस का चयन।

मिस जीडीजीएस का खिताब शिवांगी सिंह को मिला।

मिस्टर जीडीजीएस का खिताब आर्यन राय ने जीता।

इसके अतिरिक्त, सीनियर्स विद्यार्थियों के मनोरंजन के लिए रैंप वॉक का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर दर्शकों की तालियाँ बटोरीं।

कविता के माध्यम से साझा किए भावनात्मक अनुभव

कक्षा ग्यारह की छात्रा जान्हवी सिंह ने “कुछ कहना है तुमसे” शीर्षक से एक भावनात्मक कविता प्रस्तुत की, जिसमें उसने अपने सीनियर्स के साथ बिताए खट्टे-मीठे अनुभवों को बेहद संवेदनशील अंदाज में व्यक्त किया।

शुभकामनाओं और प्रेरणादायक संदेशों से गूंजा सभागार

समारोह के समापन पर सभी सीनियर विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न भेंट कर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी गईं।

विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि-

“आपने इस विद्यालय में न केवल शिक्षा प्राप्त की, बल्कि अनुशासन, संस्कार और आत्मनिर्भरता का भी पाठ पढ़ा है। अपने करियर का चुनाव बिना किसी दबाव के करें और अपनी इच्छाशक्ति को प्राथमिकता दें। आपकी मेहनत और संघर्ष की यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती, बल्कि यह उज्ज्वल भविष्य के नए द्वार खोलती है।”

विद्यालय के प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल ने अपने आशीर्वचन में कहा कि

“इस अवस्था में हमें अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम करना चाहिए। विकसित भारत की संकल्पना को साझा करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को स्टार्ट-अप के लिए प्रेरित किया और नियोक्ता बनने की दिशा में अग्रसर होने का संदेश दिया।”

विद्यालय के कार्यकारी निदेशक ने प्रेरणादायक शब्दों में कहा-

“पथ में काँटे न होते तो जीवन का आभास न होता। मंजिल, मंजिल ही रह जाती, मानव का इतिहास न होता। संघर्ष से कभी घबराएँ नहीं, बल्कि हर चुनौती को आत्मविश्वास और धैर्य से स्वीकारें।”

प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि-

“आज का यह पल केवल विदाई नहीं, बल्कि आपके जीवन के नए अध्याय की शुरुआत है। सफलता का रहस्य अंकों, तकनीक या सोशल मीडिया में नहीं, बल्कि आपके चरित्र और आत्मविश्वास में निहित है। जीवन की सबसे बड़ी महिमा कभी न गिरने में नहीं, बल्कि हर बार गिरकर उठने में है। आत्मविश्वास और मेहनत के साथ आगे बढ़ें, चुनौतियों को धैर्य से पार करें और अपने लक्ष्यों को हासिल करें।”

यह विदाई समारोह न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह विद्यार्थियों के जीवन में एक यादगार पल बनकर दर्ज हो गया। विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकगण और जूनियर विद्यार्थियों ने अपने सीनियर्स को पूरे सम्मान और भावनात्मक लगाव के साथ विदाई दी। “सुगति भवतु” केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक शुभकामना थी, जो सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत कर रही थी।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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