सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ससुर ने अपनी बहू के प्रेमी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। हत्या को इतनी चालाकी से अंजाम दिया गया कि शव को ठिकाने लगाने के बाद भी आरोपी काफी समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहे।
कैसे खुला इस हत्या का राज?
बांदा जिले के चकचतगन गांव की महिला जानकी ने पुलिस को सूचना दी कि उसका ससुर पुन्ना 15 जनवरी से लापता है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू की, लेकिन कई दिनों तक कोई सुराग नहीं मिला।
इसी बीच, 18 फरवरी को केन नदी के पास एक शव बरामद हुआ। शव की पहचान पुन्ना के रूप में हुई। जब पुलिस ने मामले की छानबीन की तो चौंकाने वाला सच सामने आया—यह कोई साधारण मौत नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी।
हत्या की पूरी साजिश
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मुख्य आरोपी फूलचन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान फूलचन्द्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।
फूलचन्द्र के अनुसार, मृतक पुन्ना का उसके भतीजे सुशील की पत्नी सविता के साथ अवैध संबंध था। जब यह बात फूलचन्द्र को पता चली, तो वह आगबबूला हो गया और उसने पुन्ना को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की योजना बना ली।
13 जनवरी: साजिश के तहत रची गई पार्टी
फूलचन्द्र ने 13 जनवरी को एक पार्टी के बहाने पुन्ना को अपने घर बुलाया। जैसे ही पुन्ना वहां पहुंचा, पहले से तैयार बैठे फूलचन्द्र और उसके साथियों ने उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।
पिटाई के बाद जब पुन्ना अधमरा हो गया, तो आरोपियों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसे सरसों के खेत में फेंक दिया ताकि ठंड और भूख-प्यास से उसकी मौत हो जाए।
15-16 जनवरी: दोबारा किया हमला और उतारा मौत के घाट
जब पुलिस और परिवार वाले पुन्ना की तलाश कर रहे थे, तभी फूलचन्द्र और उसके साथी यह देखने के लिए गए कि वह मरा या नहीं। लेकिन उन्होंने देखा कि पुन्ना अब भी जिंदा था।
इसके बाद चारों ने मिलकर फिर से उसे पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद शव को साइकिल पर लादकर केन नदी के किनारे ले जाया गया और बालू में दफना दिया। पहचान मिटाने के लिए पुन्ना का मोबाइल और कपड़े जला दिए गए।
पुलिस ने कैसे सुलझाया मामला?
पुलिस ने जब जांच को आगे बढ़ाया, तो शक की सुई फूलचन्द्र और उसके साथियों पर आकर टिक गई। जब उन्हें हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई, तो उन्होंने सच कबूल लिया।
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए सभी सामान बरामद कर लिए।
मुख्य आरोपी पहले से ही हत्यारा था
चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी फूलचन्द्र पहले भी हत्या के मामले में सजा पा चुका था।
2012 में उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी, जिसके लिए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, वह हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत पर बाहर था।
वहीं, दूसरे आरोपी कैलाश पर भी हत्या और गैंगस्टर एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हैं।
पुलिस कर रही आगे की जांच
बांदा के डीएसपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस जघन्य हत्या के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस हत्याकांड में और कौन-कौन शामिल था।
गांव में दहशत का माहौल
इस खौफनाक घटना के बाद गांव के लोग डरे-सहमे हुए हैं। इलाके में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस लगातार हत्या से जुड़े हर पहलू की पड़ताल कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की